विदेशी कंपनियों पर रखनी होगी 'तीक्ष्ण नज़र', भारतीय विकल्पों को करना होगा प्रमोट: गौरव त्रिपाठी

3 अक्टूबर 2021 को कांस्टीट्यूशन क्लब आफ इंडिया नई दिल्ली में सीकेएस (CKS - Centre for Knowledge Sovereignty) के तत्वावधान में डाटा सावरेंटी (Data Sovereignty) किताब की रीलॉन्चिंग का कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसमें सुरक्षा क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञों समेत किताब के लेखक गण और उद्योग जगत से जुड़े लोगों ने अपने विचार रखे. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के वाइस प्रेसिडेंट श्री बैजयंत जय पांडा थे, जिन्होंने अन्य अतिथियों के साथ दीप प्रज्ज्वलन करके कार्यक्रम की शुरुआत की. 

इस कार्यक्रम की सबसे खास बात यह रही कि भारत में इस विषय पर बहुत कम बात की जाती है, जबकि यहाँ यह विषय न केवल केंद्र में रहा, बल्कि इसके भिन्न पक्षों पर गहराई से तमाम बिन्दुओं पर विचार किया गया. 

अपने संबोधन में जय पांडा ने आज की चुनौतियों के बारे में स्पष्टता से बताते हुए कहा कि गूगल को आज आपकी हर एक्टिविटी की बात पता है, आप चाहें या न चाहें! ऐसे ही दूसरी विदेशी कंपनियां भी आपकी सोच के हिसाब से अपने अल्गोरिदम तैयार करती हैं, जो निश्चित रूप से चिंतनीय है.

डाटा सावरेंटी (Data Sovereignty) के लेखक विनीत गोयंका ने किताब की 25000 प्रतियां छपने और बिकने की खुशखबरी सबके साथ साझा किया. किताब के सह लेखकों में से लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) बी एम पाटील, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. डी.बी सेकतकर, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) विनोद भाटिया, श्री भरत पंचाल समेत लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) विनोद खंडारे ने अपनी बात रखी. 

दूसरे गणमान्य अतिथियों के साथ, लेफ्टिनेंट जनरल विनोद खंडारे (सेवानिवृत) टीम वयम् के प्रयासों से अवगत हुए, और उन्होंने टीम वयम् को बेस्ट विशेज का नोट देते हुए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त कीं.
 

वयम् एप्लीकेशन (सुपरप्रो) की तरफ से फाउंडर एवं सीईओ गौरव त्रिपाठी सीकेएस - पैनल डिस्कशन में सम्मिलित हुए, और उन्होंने अपनी बात मजबूती से रखी. अपने संबोधन में मंच पर मौजूद बीजेपी के वाईस प्रेसिडेंट श्री जय पांडा एवं गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में गौरव त्रिपाठी ने ईस्ट इंडिया कंपनी की याद दिलाते हुए कहा कि वह कंपनी मात्र व्यापार करने के उद्देश्य से ही भारत आई थी, और उसने किस तरह से देश के संसाधनों पर कब्जा जमाया और अंततः हमें गुलामी की ओर धकेल दिया, यह हमें नहीं भूलना चाहिए.कहीं ऐसा न हो कि आज के समय में तमाम विदेशी कंपनियां, जो मनमाने ढंग से देश के संसाधनों (खासकर डेटा) पर कब्जा जमाती जा रही हैं, वह हमें डिजिटल उपनिवेश के गड्ढे में लेकर चला जाए!

गौरव त्रिपाठी ने जनता के साथ-साथ पालिसी मेकर्स को भी सचेत रहने की याद दिलायी, विदेशी ऐप्स - कंपनियों से सावधानी पूर्वक डील करने की ज़रुरत पर बल दिया. गौरव त्रिपाठी की स्पष्ट और नीतिगत बातों पर हॉल तालियों से गड़गड़ा उठा.

कोरोना को ध्यान में रखते हुए, कार्यक्रम के दौरान वयम् टीम द्वारा 'वयम्-मास्क' वितरित किया गया, जिसे लोगों ने ख़ासा पसंद किया.

पेश है कार्यक्रम की कुछ झलकियाँ फोटोग्राफ्स के माध्यम से, तो सबसे नीचे कार्यक्रम की पूरी वीडियो देखी जा सकती है, जो वयम् ऐप पर LIVE-लाइव प्रसारित हुआ.









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Event's Video


Web Title: Gaurav Tripathi in CKS Event, New Delhi, Data Sovereignty Book Relaunching Program in Constitution Club of India, New Delhi, Digital Colonialism

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