" ""हिंदी मेरी पहचान' poem by Sanju Nirmohi

 "हिंदी मेरी पहचान"


हिंदी में ही जन्म हुआ है ,
हिंदी से पहचान मिली।
हिंदी ने सभ्यता सिखायी,
सभ्यता से ही शान मिली।।

पंत, तुलसी और बच्चन जैसे कवियों ने इसको जाना है,
हिंदी भाषा की मार्मिकता को इन्होंने खूब पहचाना है।
हृदय कलम के संयोग से प्यारी प्यारी रचना मिली ,
हिंदी अपने आप में हमको एक सौगात मिली।।

ईश्वर का आभास कराती,
भटको को ये राह दिखाती।
अनजाने शुभ कर्मो से बनकर ईश्वरीय ज्ञान मिली,
और गुरुओं के श्री चरणों से ज्ञान की एक किरण मिली।।

भारत को भारत से जोड़ें,
अपनों को अपनों से जोड़ें।
आजादी के बाद इसको एक अलग पहचान मिली,
मातृभाषा का नाम मिला शब्द रूपी भगवान मिली।।
- संजू निर्मोही



Web Title: संजू निर्मोही 


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