नारी शक्ति- Jyoti Vipul Jain

 


नारी शक्ति


 *नारी शक्ति* ,आकाश छू जाने वाली,

गगनभेदी, बादलों को चिर आगे बढ़ने वाली,

सितारों से बातें कर अपने बातों को सिद्ध करने वाली,

सूरज,चांद को भी मनाने वाली  ।


नारी शक्ति, जमीं पर पहाड़ समान,

निरंतर बहती जानें वाली सरिता समान,

ममता की मूरत और मां काली के सूरत समान,

जलता हुआ दीया और बाती समान ।


नारी शक्ति ,यम के द्वार से पति को खींच के लाने वाली,

 *वैदेही* जैसी, रावण के वश में ना आने वाली,

 *द्रौपदी* जैसी, वस्त्र हरण के बाद प्रतिज्ञा में बंधने वाली ,

 *गांधारी* जैसी, पती जैसे स्थिती में हैं वैसे जीवन भर रहने वाली ।


नारी शक्ति वो जो दिव्यांग होते हुए भी माउंट एवरेस्ट पार करने वाली *अरूणिमा सिन्हा* ,

मां बाप के बुढापे की लाठी बनकर देती सहारा,

बचपन से ही समाज के नियमों को लेकर चलने वाली,

 *सावित्री बाई फुले* ,जैसी महिलाओं को साक्षर करने में आगे बढ़ने वाली ,


नारी शक्ति को प्रोत्साहित करने वाली हमारी *राणी लक्ष्मीबाई* ,

राजकारण में हमारे भारत का नाम रोशन करनेवाली *इंदिरा गांधी* जी ,

 *कल्पना चावला* जैसी अंतरिक्ष में खोज करने जाने वाली,

स्वातंत्र्य सैनिक बन " *विजयालक्ष्मी पंडित* " आजादी के लड़ाई में आगे बढ़ने वाली  ।


" *ऐनी बेझंट"* जैसी समाज उध्दारक,

" *कमला नेहरू"* जैसी महिला का "लोह स्त्री" उपाधी सार्थक ,

" *मदर टेरेसा"* विश्व में नाम हुआ प्रसिद्ध ,

नारी शक्ति की महिमा की बात देवीस्वरुपा सिध्द ।


धर्म, अर्थ, मनोरंजन,राजकारण,

खेल जगत, जमीं से लेकर आसमान,

नारी शक्ति की महिमा है अपरम्पार,

नारी शक्ति को शत् शत् नमन करते सिर झुकाकर बारंबार 🙏🙏🙏🙏🙏💐💐


स्वरचित, मौलिक, अप्रकाशित मेरी रचना है ।।


Web Title: Poem by Jyoti Vipul Jain


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