मैं नारी हूँ Poem by Ameesha Tiwari

 दफन करके हजारों गम लिए मुस्कान फिरतीं हूँ

मैं नारी हूँ नहीं दफन मैं ये ऐलान करतीं हूँ।
अगर तुम वक्त के संग चल रहे तो सोच भी बदलो
बदलते दौर की नारी हूँ मैं हर काम करतीं हूं।।

बसा के घर में खुशियों को तुझे सौगात देतीं हूँ
जरूरत गर पड़ जाये तो तलवारें थाम लेतीं हूँ।
मुझे अबला सुकोमल सी कोई नारी न समझो तुम
मैं नारी हूँ नहीं अबला मैं ये ऐलान करतीं हूँ।।



Web Title:ameesha tiwari 


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