" माँ.....
तेरी दहलीज के पार
मैं आसमां देखती हूँ,
तेरे आँचल को ओढ़ कर
मैं हर ख्वाब बुनती हूँ,
तू दिखाए मुझे सपने
मैं उसे पुरा करने का
हौसला रखती हूँ,
तू बताएं मुझे रास्ते
मै उस पर चल कर
मंजिलों को पाने की
उम्मीद रखतीं हूँ,
तू दे मुझे हौसला
मैं तुफानो से लड़ने की
ताकत रखती हूँ ,
जालिम दुनियाँ से
मैं नहीं डरती हूँ ,
माँ .. मै तेरी छाया हूँ
ऐसे कैसे हार सकती हूँ
हूँ आज कि नारी शक्ति
मै पूरी दुनियाँ जीत सकती हूँ।@njali......"
Web Title: Poem by Anjali rao
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