"अपने देश की माटी से
मैं भी दिये बनाया हूँ ,
मेरी भी दीवाली अच्छी होगी
आस लगाया हूँ ।
देखो मेरे प्यारे बंधु,
मेरा भी कुछ करना ख्याल
नहीं खरीदोगे तुम अबकी
धोखेबाज का चीनी माल।
अपने देश में किसी चीज की
कमी नहीं है देखो जी,
फिर क्यों उसके पीछे भागे
जिसकी नीयत खोटी जी।
देसी स्वदेशी चीज खरीदो,
अपने भाई बहनों से
उनके घर भी खुशियाँ आए
हो जाए वो भी खुशहाल
नहीं खरीदोगे तुम अबकी
धोखेबाज का चीनी माल।
अनुपमा चतुर्वेदी
नयी दिल्ली"
Web Title: Poem by Anupama Chaturvedi , Vayam official blog content
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Poem - Kavita - Geet