दिवाली है हिन्दुओ का प्रमुख त्यौहार -Poem by Ms. nikhlesh sejwar

 

"दिवाली है हिन्दुओ का प्रमुख त्यौहार।

मनाते है कार्तिक माह की अमावस्या पर हर बार।

इस दिन श्री राम अपना चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या वापस लौटे आए थे।

श्री राम जी के घर वापस लौटने की ख़ुशी हर्ष उल्लास में अयोध्यावासियों ने घी के दिए जलाए थे।।


प्यार से इस दिन दिल से दिल मिल जाते है।

साथ मिल सब मां लक्ष्मी के पूजा कर दीप जलाते है।

खुशियों से बने महल को सब रोशनी से सजाते है।

आपसी प्रेम का शहद घोल मन प्रसन्नचित हो जाते है।।


चलो इस बार आत्मनिर्भर दिवाली मनाते है।

अपने स्वदेश बनी चीजों से घर की रौनक बढ़ाते हैं।

आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा देने के लिए

अब तो सरकार ने भी की एक नई शुरुआत।

'माटी कला बोर्ड' द्वारा इस दीपावली पर 'आत्मनिर्भर भारत अभियान की' की बौछार।।


स्वदेशी को लोकप्रिय बनाया, चीन को मात देने की तैयारी।

माटी कला बोर्ड' के तहत कोलकाता से प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) के सांचे मंगाकर मूर्ति बनाने वाले कारीगरों में वितरित करने की पहल पड़ेगी चीन पर अब भारी।।


दिल्ली के इस्कॉन मंदिर और नागपुर के कई घरों में इंदौर में बने दीये झिलमिलाएंगे।

दीपावली की खुशियां सजेंगी,परिवारों में 'आत्मनिर्भरता' का प्रकाश फैलाएंगे।

आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे घरों को परेशानियों से बचाएंगे।

साथ ही शहर की गोशालाओं वाले भी इससे आर्थिक मदद पा पाएंगे।।


आत्मनिर्भर भारत' की ओर अब शहर की उन महिलाओं ने  बढ़ाए हैं अपने कदम।

अभी तक सिर्फ घर की चार दीवारी तक ही सीमित था जिनका दम।

स्कूल कॉलेज के बच्चे भी रहते है कहां पीछे।

अच्छे अच्छे भी दब जाते हैं इनकी कला के नीचे।।


चलो इस बार आत्मनिर्भर दिवाली मनाते हैं।

खुद के बने दीप जलाते हैं।

खुद से बने सजावट के समान से आशियाना सजाते है।

स्वदेश को गले लगाकर स्वदेशी होने का हक जताते हैं।।"


Web Title:Poem by Ms. nikhlesh sejwar    , Vayam official blog content

vayam.app




Post a Comment

Previous Post Next Post