राष्ट्रवाद का वर्चुअल इवेंट प्लेटफॉर्म बनकर उभर रहा है 'वयं' , IIT से निकले 'काशी के लाल' का है कमाल


19 दिसंबर को वाराणसी के डॉ. सम्पूर्णानन्द स्पोर्ट्स स्टेडियम हजारों लोगों द्वारा एक साथ वन्दे मातरम् का गायन, प्रख्यात चिन्तक एवं राज्यसभा सांसद प्रोफ़ेसर राकेश सिन्हा का 'सांस्कृतिक राष्ट्रवाद' पर विचारोत्तेजक बौद्धिक, एवं पूर्ण रूपेण भारतीय वर्चुअल इवेंट प्लेटफॉर्म 'वयं' पर विश्व भर से लाखों लोगों द्वारा इस कार्यक्रम में Live जुड़ाव ने अनोखा संगम बना डाला. 

भारतीय संस्कृति तो ज्ञान का सदा से ही भण्डार रही है, उत्सव धर्मी रही है, किन्तु टेक्नोलॉजी के इस युग में विदेशी प्लेटफॉर्म जिस तरह से हावी हो रहे थे, उससे राष्ट्रप्रेम करने वाले विचारक चिंतित हो उठे थे, किन्तु 'वयं' जैसे प्लेटफॉर्म्स ने उनकी चिंता दूर करने के लिए कमर कस ली है. 

ख़ास, बात यह है कि काशी में लोगों की जुबान पर चढ़ चुके ज़ूम को काशी के ही लाल ने निर्मित किया है. 

जी हाँ! आईआईटी, बॉम्बे से निकले इस तेज दिमाग 'बनारसी छोरे' का नाम गौरव त्रिपाठी है. 

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस में महारत रखने वाले गौरव, जर्मनी में इनोप्लेक्सस नामक स्टार्टअप सफल करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका साबित कर चुके हैं, तो जर्मनी से वापस आकर आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत उन्होंने ‘वयं’ ऐप शुरू किया.

बनारस की जड़ों से जुड़े गौरव त्रिपाठी ने अपने साथी फाउंडर्स, सागर रामटेके, विजय गोयल एवं विवेक कुमार के साथ मिलकर 'वयं' प्लेटफॉर्म की नींव डाली, जो वर्चुअल इवेंट होस्टिंग, स्ट्रीमिंग में एक महत्वपूर्ण प्लेयर बनता जा रहा है. अब विदेशी ऐप ज़ूम को लोग टाटा-बाय-बाय कर रहे हैं, जबकि 100% सुरक्षित-स्वदेशी प्लेटफॉर्म वयं को हाथों हाथ ले रहे हैं. 

न केवल वन्देमातरम् गायन, बल्कि उससे पहले वाराणसी के 'रूद्राक्ष- इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर' में 'संस्कृति-संसद' का सम्पूर्ण प्रोग्राम, विश्व भर में करोड़ों से अधिक लोगों ने 'वयं' प्लेटफॉर्म के माध्यम से लाइव देखा. 



ॐ, कमल का फूल, पीपल का पत्ता, जय श्री राम - बाबा विश्वनाथ की जय जैसी भारतीय इमोजी से सजा वयं ऐप आपको पूरी तरह से भारतीय उत्सव के रंग में सराबोर का कर देता है. 

इन सबके लिए 'बनारसी छोरे' गौरव त्रिपाठी को आप सबका आशीर्वाद तो बनता ही है. वैसे ट्रेकिंग, ट्रेवलिंग, पढना एवं आगे बढ़ने के लिए तत्पर उद्यमियों, स्टार्टअप को मेंटर करना गौरव बेहद पसंद करते हैं. और यही तो है भोले भंडारी के असल बनारस की पहचान!

बढ़ो, और बढाओ, देश का नाम विश्व भर में फैलाओ!

भोले नाथ की जय हो!


Web Title:  Vayam' is emerging as a virtual event platform of nationalism,

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