दिवाली मेड इन इंडिया वाली - Poem by Namarta Goyal

 

"दिवाली मेड इन इंडिया वाली



राम जी के आगमन पर मिट्टी के दीयों से अयोध्या नगरी थी जगमगाई ।

प्लास्टिक के नकली दियों में कहां वो मिट्टी की सोंधी खुशबू समाई।


कैसे भूल गए कोरोना का मानवता पर प्रहार ।

कैसे भूल गए 1971 का वो खूनी वार ।

कैसे भूल गए आज भी बॉर्डर पर दुश्मन अपनी नजर गड़ाए है।

हमारी सुरक्षित दिवाली के लिए न जाने हम ने कितने सैनिक गवाएं हैं ॥


एक हाथ में गोली बारूद ,दूजे से लुभाता है ।

हमारे बाजार में पैठ कर पर हमें ही लूटना चाहता है ॥


हमारा त्यौहार ,  हम खरीदार ।

तो क्यों ना हो हमारा रोजगार ॥ 


मोदी जी ने आत्मनिर्भर भारत का नारा लगाया है ।

लोकल फॉर वोकल को अपनाना है ।

एक हाथ उन्होंने बढ़ाया है ,एक हाथ हमें भी बढ़ाना है ॥


अपनी माटी के सामान से दो अपने देश को सम्मान ।

हमारे कामगारों को भी मिलेगी पहचान ।

वो भी पूरे कर पाएंगे अपनी अरमान ॥


आप के त्यौहार की खरीदी से , कोई और भी त्योहार मना सकें ।

आपके साथ कोई और भी , अपने घर को सजा सके ।

उनके बच्चों के लबों पर , मुस्कान ला सके ॥


उस कपटी की लूट सहे और हमारे भाई भूखे मरे ।

ऐसी क्या दीवाली हो , जिसमें ना देश की खुशहाली हो ।


इस बार दिवाली आत्मनिर्भर भारत को , सक्षम बनाने वाली हो।

ये दिवाली मेड इन चाइना नहीं , मेड इन इंडिया वाली हो ।

श्री राम के स्वागत को सजती,हर एक को सुख पहुंचाने वाली हो ।

इस बार दिवाली मेड इन चाइना नहीं ,मेड इन इंडिया वाली हो ।

इस बार दिवाली मेड इन चाइना नहीं , मेड इन इंडिया वाली हो ॥"


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