रबीन्द्रनाथ टैगोर के विचार

 


  1. तथ्य कई हैं, लेकिन सच एक ही है।
  2. मनुष्य की सेवा भी ईश्वर की सेवा है।
  3. आयु सिर्फ सोचती है तो जवानी करती है।
  4. उपदेश देना सरल है, पर उपाय बताना कठिन।
  5. ये पेड़ धरती द्वारा स्वर्ग से बोलने की कोशिश है।
  6. संगीत दो आत्माओं के बीच के अंतर को भरता है।
  7. हमें जीवन दिया गया है और हम इसे देकर कमाते हैं।
  8. मिटटी के बंधन से मुक्ति पेड़ के लिए आज़ादी नहीं है।
  9. मित्रता की गहराई परिचय की लंबाई पर निर्भर नहीं करती।
  10. प्रसन्न रहना बहुत सरल है, लेकिन सरल होना बहुत कठिन है।
  11. हम दुनिया में तब जीते हैं जब हम इस दुनिया से प्रेम करते हैं।
  12. कलाकार खुद को कला में उजागर करता है कलाकृति को नहीं।
  13. प्रेम अधिकार का दावा नहीं करता, बल्कि स्वतंत्रता प्रदान करता है।
  14. हमें आजादी तब मिलती है जब हम इसकी पूरी कीमत चुका देते हैं।
  15. जब हम विनम्र होते हैं तो तब हम महानता के सबसे नजदीक होते हैं।
  16. आस्था वो पक्षी है जो भोर के अँधेरे में भी उजाले को महसूस करता है।
  17. कलाकार प्रकृति का प्रेमी है अतः वह उसका दास भी है और स्वामी भी।
  18. फूल भले ही अकेला होता है लेकिन काँटों से कभी भी ईर्ष्या नही करता है।
  19. फूल की पंखुड़ियों को तोड़ कर आप उसकी सुंदरता को इकट्ठा नहीं करते।
  20. हम महानता के सबसे करीब तब आते हैं जब हम विनम्रता में महान होते हैं।
  21. मौत प्रकाश को ख़त्म करना नहीं है। ये सिर्फ भोर होने पर दीपक बुझाना है।
  22. कला के माध्यम से व्यक्ति खुद को उजागर करता है अपनी वस्तुओं को नहीं।
  23. कुछ भी न बोलना आसान है जब आप पूरा सत्य बोलने का इंतजार नहीं करते।
  24. यदि आप सभी गलतियों के लिए दरवाजे बंद कर देंगे तो सच बाहर रह जायेगा।
  25. जब मैं अपने आप पर हँसता हूँ तो मेरे ऊपर से मेरा बोझ बहुत कम हो जाता है।
  26. अगर आप खड़े होकर सिर्फ पानी को देखोगे तो आप समुद्र पार नहीं कर सकते।
  27. जो मन की पीड़ा को स्पष्ट रूप में कह नहीं सकता, उसी को क्रोध अधिक आता है।
  28. प्रत्येक शिशु यह संदेश लेकर आता है कि ईश्वर अभी मनुष्यों से निराश नहीं हुआ है।
  29. धूल अपना अपमान सहने की क्षमता रखती है और बदले में फूलों का उपहार देती है।
  30. कला क्या है ? यह इंसान की रचनात्मक आत्मा की यथार्थ के पुकार के प्रति प्रतिक्रिया है।
  31. जो कुछ भी हमारा है वो हम तक आता है, यदि हम उसे ग्रहण करने की योग्यता रखते हैं।
  32. कट्टरता सच को उन हाथों में सुरक्षित रखने की कोशिश करती है जो उसे मारना चाहते हैं।
  33. चंद्रमा अपना प्रकाश संपूर्ण आकाश में फैलाता है परंतु अपना कलंक अपने ही पास रखता है।
  34. विश्वविद्यालय महापुरुषों के निर्माण के कारख़ाने हैं और अध्यापक उन्हें बनाने वाले कारीगर हैं।
  35. ईश्वर भले ही बड़े बड़े साम्राज्य से उब जाता है लेकिन छोटे छोटे फूलों से कभी रुष्ट नहीं होता है।
  36. तितली महीने नहीं, बल्कि एक-एक पल को गिनती है। इस कारण उसके पास पर्याप्त समय होता है।
  37. फूल एकत्रित करने के लिए ठहर मत जाओ। आगे बढ़े चलो, तुम्हारे पथ में फूल निरंतर खिलते रहेंगे।
  38. जो कुछ हमारा है वो हम तक तभी पहुंचता है जब हम उसे ग्रहण करने की क्षमता विकसित करते हैं।
  39. जिस तरह घोंसला सोती हुई चिड़िया को आश्रय देता है उसी तरह मौन तुम्हारी वाणी को आश्रय देता है।
  40. किसी बच्चे के ज्ञान को अपने ज्ञान तक सीमित मत रखिये क्योंकि वह किसी और समय में पैदा हुआ है।
  41. वे लोग जो अच्छाई करने में बहुत ज्यादा व्यस्त होते है, स्वयं अच्छा होने के लिए समय नहीं निकाल पाते।
  42. हर वह कठिनाई जिससे आप अपना मुंह मोड़ लेते हैं वह एक भूत बन कर आपकी नींद में खलल डालेगी।
  43. मूर्ति का टूट कर धूल में मिल जाना यह बात साबित करता है कि भगवान की धूल आपकी मूर्ति से महान है।
  44. मंदिर की गंभीर उदासी से बाहर भागकर बच्चे धूल में बैठते हैं, भगवान् उन्हें खेलता देखते हैं और पुजारी को भूल जाते हैं।
  45. मैंने स्वप्न देखा कि जीवन आनंद है। मैं जागा और पाया कि जीवन सेवा है। मैंने सेवा की और पाया कि सेवा में ही आनंद है।
  46. उच्चतम शिक्षा वो है जो हमें सिर्फ जानकारी ही नहीं देती बल्कि हमारे जीवन को समस्त अस्तित्व के साथ सद्भाव में लाती है।
  47. आईये हम यह प्रार्थना न करें कि हमारे ऊपर खतरे न आएं, बल्कि यह प्रार्थना करें कि हम उनका निडरता से सामना कर सकें।
  48. कर्म करते हुए हमेशा आगे बढ़ते रहिये और फल के लिए व्यर्थ चिंता नही करिए और किया हुआ परिश्रम कभी व्यर्थ नही जाता है।
  49. सिर्फ तर्क करने वाला दिमाग एक ऐसे चाकू की तरह है। जिसमें सिर्फ ब्लेड है। यह इसका प्रयोग करने वाले को घायल कर देता है।
  50. यदि आप इसलिए रोते है की कोई सूरज आपके जीवन से बाहर चला गया है, तो आपके आँसू आपको सितारों को भी देखने से रोकेंगे।
  51. प्रेम ही एक मात्र वास्तविकता है, ये महज एक भावना नहीं है अपितु यह एक परम सत्य है जो सृजन के समय से हृदय में वास करता है।
  52. बर्तन में रखा पानी हमेशा चमकता है और समुद्र का पानी हमेशा गहरे रंग का होता है। लघु सत्य के शब्द हमेशा स्पष्ट होते हैं, महान सत्य मौन रहता है।
  53. देशभक्ति हमारा आखिरी आध्यात्मिक सहारा नहीं बन सकता, मेरा आश्रय मानवता है। मैं हीरे के दाम में काँच नहीं खरीदूंगा और जब तक मैं जिंदा हूं मानवता के ऊपर देशभक्ति की जीत नहीं होने दूंगा।




Web Title:   रबीन्द्रनाथ टैगोर के विचार, Rabindranath Tagore quotes, Vayam official blog content

vayam.app




Post a Comment

Previous Post Next Post