चंद्रशेखर आज़ाद के 'अनमोल विचार'

 


  1. दुश्मन की गोलियों का सामना हम करेंगे आज़ाद हैं, आज़ाद ही रहेंगे।
  2. सूरज पश्चिम में निकल सकता है। पर ये आजाद अपने देश को कभी अकेला नहीं छोड़ सकता है।
  3. किसी क्रांतिकारी का सबसे बड़ा हथियार नहीं होती हैं बंदूकें, बम या तोप।क्रांतिकारी विचारों से बनते हैं जो आते हैं नैतिकता से सत्य प्रेम से और किताबों से।
  4. देश अगर हाथ जोड़ने से आजाद हो जाता तो यह जान लें भारत कभी गुलाम नहीं होता।
  5. खैरात में मिली खुशी हमें अच्छी नहीं लगती क्योंकि हम अपने गमों में भी जीते है नवाब कि तरह।
  6. जीवित रहते मैं अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए निरंतर संघर्ष करता रहूँगा। किसी भी क्षण मैं मातृभूमि की खातिर अपने प्राण न्योछावर करने से पीछे नहीं हटूंगा।
  7. किसी भी भारतवासी के जख्म का बदला हजारों जख्मों से लिया जाएगा। यह चेतावनी नहीं घोषणा है।
  8. जो दुश्मन हमारे धन संपदा और संस्कृति को लूट रहे हैं, उन्हें लूटना और उनसे अपने धन संपदा की रक्षा करना कोई गुनाह नहीं है।
  9. अगर आपके लहू में रोष नहीं है, तो यह पानी है जो आपकी रगों में बह रहा है। ऐसी जवानी का क्या मतलब अगर वह मातृभूमि के काम ना आए।
  10. मातृभूमि की इस दुर्दशा को देखकर जो तुम चुप बैठे रहे। तो तुम्हारा मान-सम्मान और स्वाभिमान दुश्मनों के अधीन है।
  11. दूसरे अपने से बेहतर कर रहे हैं यह नहीं देखना चाहिए। हर दिन अपने ही नए कीर्तिमान स्थापित क्योंकि लड़ाई खुद से होती है दूसरों से नहीं।
  12. मैं ऐसे धर्म और संस्कार का पालन करता हूँ। जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा दिखाता है।
  13. गालों पर थप्पड़ खाने से स्वतंत्रता नहीं मिलती गोलियां मारनी पड़ती है दुश्मनों को।
  14. मेरा नाम आजाद है,मेरे पिता का नाम स्वाधीनता है और मेरा घर जेलखाना है।
  15. सच्चा धर्म वही है जो स्वतंत्रता को परम मूल्य की तरह स्थापित करे।
  16. देश मेरा गुलाम नहीं है,लोगो की सोच गुलाम है।
  17. जो युवा अपनी मातृभूमि की खातिर संघर्ष नहीं कर सकते।वह अपनी जननी की खातिर समर्पित नहीं हो सकते। 
  18. मैं जीवन की अंतिम सांस तक देश के लिए लड़ता रहूँगा।
  19. जब तक मेरे शरीर में प्राण है मैं अंग्रेज़ो की गुलामी नहीं करूंगा।
  20. अगर इश्क करना ही है तो वतन से करो मरना ही है तो वतन की खातिर मारो।
  21. आज का युवा संगठित हो रहा है। यह मेरा देश की शक्ति का संगठन है।
  22. मेरा यह छोटा सा संघर्ष ही कल के लिए महान बन जाएगा।
  23. मौत तो एक दिन सबको आनी है,कुछ लोग डर-डर के जीते है,कुछ लोग मर कर भी अमर हो जाते है।
  24. भले ही मेरा प्राम्भिक जीवन आदिवासी इलाके में बिता है। लेकिन मेरे दिल में मातृभूमि ही बस्ती है।
  25. शत्रु के साथ कैसी नम्रता,हमारी नम्रता का ही फल है,आज हमारी मातृभूमि संकट में है।



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