- आज अगर कोविन जैसे एप्लीकेशन की मांग विश्व के कई देश कर रहे हैं, तो यह देखकर मुझ जैसे एक भारतीय की छाती 56 इंच की क्यों नहीं होगी भला!
- अब गर्व से कहता हूं कि मोदी जी के भारत में, वयम् जैसे एप्लीकेशन को न केवल शुरू करने की हिम्मत कर पाया, बल्कि विदेशी कंपनियों के वर्चस्व के सामने खड़ा होने की हिम्मत भी हम कर पा रहे हैं.
- आखिर कौन कल्पना कर सकता था कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण की नींव का पत्थर भारत का एक प्रधानमंत्री रखेगा!
#HappyBdayModiji |
लेखक: गौरव त्रिपाठी, संस्थापक-सीईओ, वयम् ऐप
Published on 17 Sep. 2021 (Update: 17 Sep. 2021, 2:53 PM IST)
राष्ट्र आज अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन मना रहा है.
यह किसी एक व्यक्ति का ही जन्मदिन नहीं है, यह किसी एक नेता का भी जन्मदिन नहीं है, बल्कि उससे आगे बढ़कर करोड़ों भारतीयों के सपनों के मजबूत होने का जन्मदिन भी है.
आजादी को बेशक 75 वर्ष होने को हैं, किंतु गुलामी की मानसिकता से जनता को आजादी दिलाने के लिए सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने वाले मोदी जी का अगर जन्मदिन मनाया जा रहा है, तो सपनों की उड़ान भरने वाले हम जैसे युवाओं, करोड़ों भारतीयों के मन का विह्वल होना स्वभाविक ही है.
एक टेक इनोवेटर होने के नाते मैंने भारत को एक वैश्विक नजरिए से भी देखा है. और मुझे यह कहते हुए रत्ती भर भी संकोच नहीं है, हिचक नहीं है कि मोदी जी के पहले और मोदी जी के प्रधानमंत्रित्व काल के भारत में बहुत अंतर आया है.
कुछ दिन पहले तक क्या कोई कल्पना कर सकता था कि भारत में कोविन (Cowin) जैसा एप्लीकेशन तैयार होगा, जो सवा सौ करोड़ भारतीयों के वैक्सीनेशन का प्रोग्राम इतने असरदार, मगर आसान ढंग से चलाएगा?
कहीं कोई कालाबाजारी नहीं... कहीं कोई भीड़ नहीं... कहीं कोई धक्का-मुक्की नहीं... !!
आज इसी कोविन एप्लीकेशन की मांग विश्व के कई देश कर रहे हैं, तो यह देखकर मुझ जैसे एक भारतीय की छाती 56 इंच की क्यों नहीं होगी भला!
सिर्फ कोविन ही नहीं, यूपीआई (UPI Payments) देख लीजिए.चुटकी बजाते ही आज के समय में ट्रांजैक्शन हो रहे हैं. न तो बैंकों के आगे लाइन लग रही है, और ना ही लंबे-लंबे फॉर्म भरने पड़ रहे हैं. चेक बुक तो बीते ज़माने का कांसेप्ट बन गया है.
आखिर यह मोदी जी के डिजिटल इंडिया का मंत्र नहीं है, तो और क्या है?
आईआईटी मुंबई से निकलने के बाद हम जैसे कई युवा अपना स्टार्टअप भारत में शुरू करना चाहते थे, लेकिन पहले हिम्मत नहीं होती थी. इन्वेस्टर से लेकर दूसरे उद्यमी और टेक टीम, भारत को लेकर कहीं ना कहीं आत्मविश्वास नहीं जता पाते थे.
मैं खुद अपनी पिछली स्टार्टअप इनो प्लेक्सस को जर्मनी ले जाने पर मजबूर हो गया था.
पर अब गर्व से कहता हूं कि मोदी जी के भारत में, वयम् जैसे एप्लीकेशन को न केवल शुरू करने की हिम्मत कर पाया, बल्कि विदेशी कंपनियों के वर्चस्व के सामने खड़ा होने की हिम्मत भी हम कर पा रहे हैं.
वयम् ऐप को दिनोंदिन, अपने देश भारत में आगे बढ़ते देखना असीम सुख प्रदान कर रहा है.
राष्ट्र निर्माण में भला कौन योगदान देना नहीं चाहता, लेकिन वह मोदी जी हैं, जिन्होंने इस योगदान को संभव बनाने का आत्मविश्वास जगाया है. भारत से बाहर जो भी भारतवंशी हैं, उन सभी में अब यह आत्मविश्वास आने लगा है कि वह राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में जुट जाएं.
मोदी जी की व्यापकता सिर्फ तकनीकी फील्ड में ही नहीं है, सिर्फ युवाओं का आत्मविश्वास जगाने में ही नहीं है, बल्कि गांधीजी के हिंदू स्वराज से लेकर 'अंत्योदय' कार्यक्रम के तहत, एक-एक जन तक, अन्न वितरण के साथ-साथ गरीब-अमीर सबके हाथ में, बगैर किसी भेदभाव के 4जी और 5जी की सुविधाएं हों, प्रत्येक भारतीय का बैंक अकाउंट हो, चूल्हे के धुएं से परेशान महिलाओं को 'उज्जवल' करना हो, जैसी दर्जनों योजनाओं को जब मैं देखता हूं, तो मोदी जी की व्यापकता का सहज ही अंदाजा हो जाता है.
इससे इतर मोदी जी का सबसे बड़ा योगदान यह है कि भारतीय परिदृश्य को, भारतीय भूमि को उन्होंने न केवल आतंरिक एवं वाह्य दुश्मनों से सुरक्षित करने के लिए कदम उठाया है, बल्कि अपने धर्म और कल्चर से खुद भी जुड़े रहे हैं, करोड़ों भारतीयों को जोड़े भी रखा है.
आखिर कौन कल्पना कर सकता था कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का उद्घाटन भारत का एक प्रधानमंत्री करेगा?
प्रत्येक नेता का राष्ट्र निर्माण में कुछ ना कुछ योगदान अवश्य होता है, लेकिन मोदी जी ने जिस तरीके से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के मंदिर का सम्पूर्ण गौरव के साथ उद्घाटन किया, और उस में सक्रिय भूमिका बनाए रखी, वह हमारी संस्कृति की महान, सनातन परंपरा को और मजबूत करता है.
वह चाहे नेपाल के मंदिरों में जाकर अपने माथे पर चंदन का लेप करना हो, या बांग्लादेश में प्राचीन काली मंदिर में जाना हो, वास्तव में यह मोदी जी ही हैं, जो हमें इस बात का भी आत्मविश्वास देते हैं कि आगे बढ़ने के लिए, डिजिटल होने के लिए, गरीबों की सेवा करने के लिए, छद्म आवरण ओढने की जरूरत नहीं है, बल्कि अपने कल्चर से जुड़कर, अपनी नींव को बगैर छोड़े हुए भी हम यह सब कर सकते हैं.
आधुनिक, पुरातन, सांस्कृतिक, इन्नोवेटर, साहसी, आत्मविश्वासी, लोकतांत्रिक जैसे जाने कितने गुणों को हम स्पष्ट रूप से मोदी जी के व्यक्तित्व में साक्षात दर्शन कर सकते हैं.
आत्मनिर्भर भारत का मंत्र शुरू करते हुए मोदी जी ने साफ बोला था कि 'विश्व हमारा बाजार है, और अब हमारे उत्पाद दुनिया भर में पैठ बनाएंगे.' और अब हम यह होता देख रहे हैं.
वीडियो कम्युनिकेशन के क्षेत्र में वयम् ऐप की स्थापना इसी मंत्र के तहत तो, आईआईटी से निकले हम जैसे उद्यमियों एवं इन्वेस्टर्स ने की है.
बहुत कुछ कहने को है मोदी जी के बारे में, और यह कृतज्ञ राष्ट्र उनके योगदान को आगे भी गर्व के साथ कहता-सुनता रहेगा, किंतु वर्तमान पीढ़ी के हम जैसे लोग भाग्यशाली हैं कि मोदी जी जैसा नेतृत्व हमारे राष्ट्र को मिला.
उन्हें केवल एक चुनावी राजनेता समझने की भूल नहीं कीजियेगा, बल्कि समाज के हर वर्ग को, प्रत्येक युवा को वह व्यक्तिगत टच करते हैं, उसे आत्मविश्वास से भर देते हैं, तो क्यों ना कहें उन्हें हैप्पी बर्थडे मोदी जी!
आपको जन्मदिन की अनंत-अनंत शुभकामनाएं मोदी जी!
आइए उनके जन्मदिन पर उनके शतायु होने, एवं उनके यश में वृद्धि होने की कामना करें, और हम सब मिलकर, 'वयम् भावना' के साथ, राष्ट्र निर्माण में पूरे तन मन विचार संस्कार से जुट जाएं.
#HappyBdayModiji
- Gaurav Tripathi
Founder & CEO, Superpro.ai (Vayam App)
Web Title: Happy birthday Modi ji, Vayam Founder, CEO, Gaurav Tripathi