जै बोलो हिंदुस्तान की- Naveen Nav

 जै बोलो हिंदुस्तान की

   नवीन नव बीगोद 


वीरों को है जन्म ये देती, माटी हिन्द महान की ।

कण कण लहू से सीचिं है ये,माटी हिंदुस्तान की ।।


जै बोलो हिंदुस्तान की जै बोलो हिंदुस्तान की ।

जै बोलो हिंदुस्तान की जै बोलो हिंदुस्तान की ।।


राम ,कृष्ण ,गौतम ,महावीर ।

नानक ,ख्वाजा से रमते पीर ।।

गंगा, यमुना ,सरस्वती से । 

 कलकल बहता है निर्मल नीर ।।


संस्कृति,संस्कार की जै हो जै गीता के ज्ञान की ।

जै बोलो हिंदुस्तान की जै बोलो हिंदुस्तान की ।।


मौर्य ,गुप्त ,गुहिल मराठा ।

शत्रु की छाती पे चढ़ा था ।।

पन्ना पदमिनी हाड़ी रानी ।

झांसी ने इतिहास गढ़ा था ।।


शिवा,अशोक राणा की जै हो जै हल्दी मैदान की ।

जै बोलो हिंदुस्तान की, जै बोलो हिंदुस्तान की ।।


राजगुरु , सुखदेव ,भगत सिंह ।

खुदीराम ,सुभाष , ऊधम सिंह ।।

 मंगल ,आजाद ,अशफाकउल्ला,।

कर गये बलिदान ,करतार सिंह ।।


वीरों के बलिदान की जै हो ,जै भारत जवान की।

जै बोलो हिंदुस्तान की, जै बोलो हिंदुस्तान की ।।


तुलसी मीरा कबीर के दोहे ।

स्वामी ने नये बीज है बोये ।।

गांधी ने नव अलख जगाई ।

बाबा ने है, मनके पिरोये ।।


लाल पाल बाल की जै,जै वल्लभ बलवान की ।

जै बोलो हिंदुस्तान की, जै बोलो हिंदुस्तान की ।।


उत्तर हिमालय,दक्षिण समुंदर ।

पूरब मेघा ,पश्चिम मरुधर ।।

मध्यांचल चुनर लहराएं ।

खून पसीना बहाये हलधर ।।


भारत के किसान की जै हो,जै भारत विज्ञान की ।

जै बोलो हिंदुस्तान की, जै बोलो हिंदुस्तान की ।।


भिन्न -भिन्न ,भाषाएं बोली ।

कभी है  ईद कभी है होली ।।

खान पान रीति भी भिन्न है ।

फिर भी जीते बन हमजोली ।।


भिन्नता में बसी एकता की जै ,जै तिरंगा गान की ।

जै बोलो हिंदुस्तान की, जै बोलो हिंदुस्तान की ।।


भारत के बेटों की छाती ।

बेटियां नित लाती ख्याति ।।

तिरंगे के ,तले खड़े हो ।

जन गण मन हर रूह गाती  ।।


बीते और कल की जै हो जै भारत वर्तमान की ।

जै बोलो हिंदुस्तान की, जै बोलो हिंदुस्तान की ।।



बाल कलाम,बालिका कल्पना ।

पूरा किया देखा, हर सपना ।।

लता आशा ,कोयल बन कुके ।

विजय विश्व, तिरंगा अपना ।।


जगद्गुरु के मान की जै हो जै भारत इंसान की । 

जै बोलो हिंदुस्तान की, जै बोलो हिंदुस्तान की ।।



Web Title: Poem by Naveen Nav 


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