वो पहले वाली बात नही
दिल मे वो जज्बात नही
मिलकर करेंगे बाते चार
रहा ना वैसा वाला प्यार
समय के जैसा बदल गया
है लोगो का प्यार यहाँ
नाना बन गए नानू अब
दादा बन गए दादू अब
अम्मा, मैया तो कब की
बन गयी है दादी अब
वो पहले वाले बोल नही
शब्दों का कोई मोल नही
रहा नही प्रस्तर मानव मे
थोड़ा भी पार्थक्य यहा
अनुरक्ति का तो पता नही
मत्सर घर गया हर मन
माता मम्मा बन गयी है
पिता बन गए डैडी अब
अंग्रेज़ तो कब के चले गए
अंग्रेज़ी को है छोड़ गए
भूल गए हम परिशोधन को
राम कृष्ण के इस भूतल को
अपनी प्रभुता के लिए ही
यहाँ कई संग्राम हुए
संदेश मेरा है सबको अब
मत भूलो बलिदानों को
भारत के परिष्कारों को
सब मिलकर आगे है आओ
एक साथ संकल्प उठाओ
भारत को एक बनाना है
राम युग फिर से लाना है
पूजा मिश्रा
Web Title: Poem by Pooja Mishra
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