नारी शक्ति - Poem by Pooja Verma

 

"विषय :- नारी शक्ति 


विधा :- कविता 


हे नारी! तुम महान हो ।

तुमसे ही सम्पूर्ण जग की पहचान हो।


ईश्वर की सबसे सुन्दर रचना का तुम बखान हो।

हे नारी! फिर भी तुम क्यों इतना परेशान हो ?


तुम्हारे अन्दर है अपार शक्ति ये मानो तुम 

इस जग में खुद को कमज़ोर ना आंको तुम ! 

 

एक माँ से बड़ा योद्धा कोई नहीं होता 

खुद को पहचानो, यूँ निराश होकर हार न मानो !


उठो और खुद से कहो- एक समय एक 'मर्दानी' थी 

जिसकी वीरता तब सारे जग ने ही जानी थी।


तुम भी उसी नारी का रूप हो,सबला हो

अबला नहीं, अकेली हो पर बेचारी नहीं 


अपने हक के लिए बोलना सीखो क्योंकि 

तुमसे ही सम्पूर्ण जग की पहचान है ।



तुमसे है इस संसार में रोशनी 

तुम ही ""नारी- शक्ति"" का अभिमान हो।


                                 



 लेखिका :- पूजा वर्मा "


Web Title: Poem by Pooja Verma 


आत्मनिर्भर दिवाली की दो प्रतियोगिताओं (कविता-प्रतियोगिता एवं लेखन-प्रतियोगिता) में भाग लें. 2,100/- का प्रथम पुरस्कार... अपनी रचनायें जल्दी भेजें ... 

vayam.app




Post a Comment

Previous Post Next Post