सृष्टि की रचना प्यारी हूँ, poem by Sunaina Sharma

 मैं सौम्य, चंचल ,शक्ति-स्वरूपा, सृष्टि की रचना प्यारी हूँ,

हां गर्व से कहती हूँ कि मैं एक नारी हूँ।।
चिंता की रेखा तुम्हारे मस्तक की, अपने चिंतन से दूर कर देती सारी हूँ,
हां गर्व से कह सकते हो मैं बेटी प्यारी तुम्हारी हूँ।
तुमसे लड़ने से लेकर, तुम्हारे लिए लड़ने में ,
में पढ़ती सब पर भारी हूं,
हां गर्व से कह सकते हो मैं बहन प्यारी तुम्हारी हूँ।
हर दुःख तुमसे पहले मुझ पर आए,
और अपनी सारी खुशियां तुम पर वारी हूँ,
हां गर्व से कह सकते हो हर सुख-दुख में साथ खड़ी मैं, जीवनसंगिनी तुम्हारी हूँ।
अपनी भूख प्यास सब तुमपर त्याग,और
अपनी ममता तुम पर लुटाने में,
मैं ना कभी थकी, ना कभी हारी हूँ,
हां कह सकते हो मैं वह मां तुम्हारी प्यारी हूँ।।



Web Title: SUNAINA SHARMA


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