वीडियो कम्युनिकेशन दिन पर दिन लोगों की जिंदगी में अहम स्थान लेता जा रहा है.
आप घर बैठे-बैठे प्रत्येक वह काम कर सकते हैं, जो पहले के समय में दौड़ भाग करके भी संभवतः नहीं कर पाते. आज वयं ऐप जैसे वीडियो संवाद ऐप के जरिए आप न केवल किसी एक से, बल्कि अपने जैसे तमाम अन्य लोगों से संपर्क साध सकते हैं, उन्हें कविताएं सुना सकते हैं, और इस तरह न्यूनतम समय लगाकर अपने कवियों के नेटवर्क को बढ़ा सकते हैं.
एक कवि को आखिर क्या चाहिए?
वह यही तो चाहता है कि अपनी काव्य- प्रतिभा का प्रदर्शन अन्य कवियों के बीच में कर सके, किन्तु फिजिकली हर जगह जाना उसके लिए संभव नहीं होता. इसमें न केवल पैसे खर्च होते हैं, बल्कि समय की अनुपलब्धता भी एक बड़ा कारण है. ऐसे में वयं का वीडियो कम्युनिकेशन ऐप आपके लिए बड़ी भूमिका निभा सकता है.
वयं प्लेटफॉर्म पर एक कवि बेहद आसानी से एक कविता सम्मेलन का ऑनलाइन आयोजन कर सकता है, और अपने नेटवर्क के सैकड़ों लोगों तक वह आसानी से पहुँच सकता है. बड़ा काव्य-सम्मेलन न सही, किन्तु एक कवि वयं ऐप पर कोई छोटी सी संगोष्ठी कर सकता है. जैसी उसकी समय की उपलब्धता हो, अपने घर में किसी भी समय वह काव्य- गोष्ठी कर सकता है. यह बेहद आसान है, हर वक्त पॉसिबल है.आखिर लोगों से बात करके, उनकी बात सुनकर ही तो हमारी प्रतिभा निखरती है, हमारी प्रतिभा को मंच मिलता है और इसका सबसे बेहतर स्थान है वयं प्लेटफ़ॉर्म, वयं ऐप!
वयं प्लेटफॉर्म पर अपनी 100% निःशुल्क काव्य-गोष्ठी आयोजित करने के लिए हमारे व्हाट्सऐप पर "कविता" लिखकर भेज दें: +91 83839 62814
इसके अलावा, एक कवि के रूप में आगे बढ़ने के लिए निम्न तरीकों को आजमायें...
1. कम्युनिकेशन के नए तरीकों को प्रयोग में लायें
जैसे-जैसे अपने भीतर की प्रतिभा को आप समझते जाते हैं, वैसे-वैसे आपको अपने कम्युनिकेशन को बेहतर और प्रभावी बनाना होता है. निश्चित रूप से इसमें नए ज़माने के वयं जैसे वीडियो संवाद ऐप बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. व्यक्तिगत रूप से आप लोगों से बात कर लेते हैं, अपनी कविता भी सुना लेते हैं, लेकिन एक कवि के तौर पर अपने कैरियर में आगे बढ़ने के लिए आपको वीडियो कम्युनिकेशन को अपने जीवन में व्यवस्थित तरीके से अपनाना चाहिए. यह आपकी बड़ी सहायता कर सकता है.इससे आप कम समय में न केवल बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि इसके साथ-साथ आपकी कम्युनिकेशन भी इफेक्टिव होती जाती है. इसके लिए आपको लगातार प्रैक्टिस की जरूरत पड़ती है, और जब आपको LIVE, वास्तविक मंच जैसे दिखने वाला ऑनलाइन मंच मिले तो फिर बात ही क्या है.
पारंपरिक मंच पर बेशक आपको बोलने में थोड़ी झिझक हो, लेकिन वास्तविक दिखने वाला अपना मंच आप वयं पर क्रियेट कर सकते हैं.
हिंदी उत्सव में आपने अगर अपनी कविता पढ़ी तो आप देख पाए होंगे कि वयं का काव्य-मंच कैसा दिखता है. अगर नहीं, तो इस लिंक पर जाकर अवश्य देखें: https://web.vayam.app/events/hindi_utsav
तो प्रतीक्षा किस बात की... वयं पर अपनी वास्तविक दिखने वाली काव्य-गोष्ठी आयोजित करने के लिए हमारे व्हाट्सऐप पर "Namaste" लिखकर अभी भेजें: +91 83839 62814
यहाँ एक बार इवेंट क्रियेट करके आप बार-बार उसी ऑनलाइन स्थान (URL) पर काव्य-गोष्ठियां आयोजित कर सकते हैं.
2. अपना नेटवर्क मजबूत करें
जी हां! एक कवि के तौर पर जब तक आप अपने नेटवर्क को बढाते नहीं हैं, तब तक आप की पहचान एक दायरे में सिमटी रहती है. निश्चित रूप से आप अकेले कविता सुनाने में सक्षम हो सकते हैं और ऐसे में नेटवर्क को बढाने का सबसे बेहतरीन तरीका है कि आप खुद, अपनी छोटी संगोष्ठी आयोजित करें.
वयं प्लेटफ़ॉर्म पर छोटा कवि सम्मेलन रखें, पूरी तरह से निःशुल्क. उसमें अपने जान पहचान के लोगों को बुलाएं, और बिना किसी खर्चे के, वीडियो कम्युनिकेशन टूल वयं का लाभ उठाएं और एक कवि के तौर पर अपना नेटवर्क बढाने के लिए अपना काव्य-उत्सव बनाएं.
3. मौलिक रचना पर ध्यान दें
देखिए! यह एक ऐसी चीज है, जो शुरुआत में थोड़ा समय जरूर लेगी, लेकिन आने वाले दिनों में यह आपको एक कवि के रूप में परिपक्व ही बनाएगी. कभी भी अपनी रचना को कमतर न समझें. आप जो महसूस करते हैं, वह निस्संकोच कविता के रूप में लिखें और अपने द्वारा आयोजित काव्य-इवेंट में सुनाएं.
वयं प्लेटफॉर्म पर भी काव्य-पाठ होते रहते हैं, उसमें अपनी कविता प्रेजेंट करें.
समाज को अपनी कविता के माध्यम से किस प्रकार से आप जागरूक कर सकते हैं, इस पर आपको यकीन करना होगा. दूसरों से इंस्पायर होना अच्छी आदत है, लेकिन दूसरों के पीछे भागना निश्चित रूप से आपको बहुत आगे नहीं ले जा सकेगा. ठीक वैसे ही, जैसे विदेशी प्रोडक्ट्स, विदेशी ऐप्स की जगह आपको वयं जैसे अपने स्वदेशी ऐप इस्तेमाल करने चाहिए.
इसीलिए दूसरों के पीछे भागने की बजाय, आप अपनी आइडेंटिटी क्रिएट करें, और यकीन मानिए यह बस एक शुरुआत है, और कुछ एक शुरुआती रुकावटों के बाद आप लगातार आगे की ओर बढ़ते चले जाएंगे.
वयं प्लेटफॉर्म पर मौलिक रचनाओं को सुनने-सुनाने का मंच क्रियेट करें.
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4. सुनने की आदत डालें
जी हां! अधिकतर कभी लोगों की आदत होती है कि अपनी कविता तो सुनाते हैं, किंतु दूसरे का सुनने में वह यकीन नहीं करते हैं. जब तक आप दूसरों को सुनना नहीं सीखेंगे, तब तक आप चीजों को व्यापक ढंग से नहीं समझ पाएंगे. अच्छे श्रोता ही अच्छे वक्ता के रूप में पहचाने गए हैं. सामान्य रूप से भी देखा जाए, तो जब आप किसी की सुनेंगे, तब आप उसकी फिलिंग्स को, उसकी बातों को, उसके शब्दों को ठीक ढंग से पकड़ पाएंगे, और उससे इंस्पिरेशन ले सकेंगे.
वयं सदृश, स्वदेशी वीडियो कम्युनिकेशन ऐप के माध्यम से यह चीजें बड़ी आसान हो चली हैं. सुनने से निश्चित रूप से आपका शब्द भंडार बढ़ेगा तो भाषा पर भी आप की पकड़ मजबूत होती चली जाएगी.
तो सुनने और सुनाने के लिए अभी वयं ऐप पर अपना मीटिंग लिंक क्रियेट करें. हमारे व्हाट्सऐप पर "Namaste" लिखें एवं अभी भेजें: +91 83839 62814
5. अपनी जड़ों से जुड़े रहें
जी हां! बहुत सारे टूल आज के समय में उपलब्ध हैं, लेकिन आप का रूट क्या है, आपका कल्चर क्या है, और इसे समझना बहुत जरूरी है. वयं भारतीय कल्चर को बेहद बारीकी से समझता है और इसकी डिजाईन से लेकर, इसके फीचर तक भारतीयता की सुगंध बिखेरते हैं.
आप इसकी डिजाईन देखें, ईमोजी ऑप्शन देखें और इस पर काव्य-गोष्ठी आयोजित करने से आप खुद को भारतीयता के रंग में आप ही रंग जायेंगे.
भारतीय नागरिक होने के नाते, अपनी रचनाओं में भी भारतीयता को आत्मसात कीजिए. हमारे प्रधानमंत्री हमेशा अपील करते हैं कि मेक इन इंडिया प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल कीजिए, और निश्चित रूप से यह ऐसी चीज है जो आपके आत्मबल को बढ़ाती है. जब आप अपने जैसे अपने लोगों को अपने इर्द-गिर्द देखते हैं, तो आपका कॉन्फिडेंस बढ़ता है.
मेक इन इंडिया प्रोडक्ट को जब आप इस्तेमाल करते हैं, तो इससे आपके आत्मगौरव में अपार वृद्धि होती है, और धीरे धीरे यह आपकी आईडेंटिटी बनती चली जाती है. आपकी एक विश्वसनीयता बनती चली जाती है, देश के प्रति एक वफादारी का भाव आता चला जाता है और यही वह चीज है, जो एक इंसान के रूप में आप को मजबूत करता है, तो निश्चित रूप से एक कवि के रूप में भी आप को प्रतिष्ठित करने में काफी सहायता करता है.
6. यही समय है, सही समय है!
जी हां! हर काम को शुरुआत करने का सही समय 'अभी' होता है.कवि शिरोमणि कबीर दास कह गए हैं कि -
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब ।
पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब ॥
एक कवि के लिए सबसे आवश्यक है कि वह काव्य-मंचों का लगातार प्रयोग करे और अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करता रहे. इसमें अपनी कविता को प्रकाशित करना भी शामिल है, तो अपनी कविता को पहले से मौजूद प्लेटफॉर्म्स पर सुनाना एक अच्छा कदम है. वयं प्लेटफार्म के यूट्यूब चैनल पर, वयं फेसबुक पेज पर और वयं ब्लॉग पर आपकी कविताओं को यथोचित स्थान दिया जाता है. इसका आप सुविधानुसार कभी भी प्रयोग कर सकते हैं. और इसके लिए आपको अभी ही शुरुआत करनी चाहिए.
जाहिर तौर पर आप एक कवि के रूप में अगर प्रतिष्ठा अर्जित करना चाहते हैं, तो आपको इस दिशा में अभी आगे बढ़ना चाहिए.
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यहाँ एक बार इवेंट क्रियेट करके आप बार-बार उसी ऑनलाइन स्थान (URL) पर काव्य-गोष्ठियां आयोजित कर सकते हैं.
7. नई प्रतिभाओं को आगे बढ़ाएं
इस संसार में भला कौन परफेक्ट है?
हर व्यक्ति कुछ ना कुछ जानता है, तो कुछ ना कुछ सीखने की प्रक्रिया में होता है. आप चाहे जैसे भी कवि हों, आपको लगातार सीखना है, और लगातार आप कुछ न कुछ सिखला भी सकते हैं. अगर इन दोनों दिशाओं में हम काम करते हैं, तो निश्चित रूप से हम एक कवि के रूप में खुद को परिपक्व कर सकते हैं, ख्याति प्राप्त कर सकते हैं.
ऐसे में नए लोगों को प्रमोट करने के लिए आप वयं प्लेटफार्म पर, अपना ऑनलाइन मीटिंग रूम बनाकर, छोटे-छोटे वर्कशॉप आयोजित कर सकते हैं, कविताओं की बारीकियां सिखला सकते हैं, तो इस तरीके से इस क्रम को जारी रखा जा सकता है.
हमारे व्हाट्सऐप पर "Namaste" लिखकर अभी भेजें: +91 83839 62814
वयं ऐप पर किसी भी इवेंट को बनाने में, किसी काव्य-गोष्ठी को आयोजित करने में, वीडियो कम्युनिकेशन से सम्बंधित किसी भी सहायता के लिए हम उपलब्ध हैं.
हमारे व्हाट्सऐप नम्बर्स पर हमें संपर्क करें: 9990089080 (मिथिलेश); 98601 70695 (वंदना) 73851 88201 (आयुष); 70662 64952 (ध्रुपद); +91 81976 81360 (विजय)
Web Title: Poet and Vayam App Video Communication benefits in Today's era for Writers Community, Hindi Article
Good 👏 👏
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