वृक्ष धरा का भूषण
दूर करें प्रदूषण II
वृक्ष लगाओ बनों महान
एक वृक्ष दश पुत्र समान II
वृक्ष हमें देते हैं क्षाया
इनके फलों को सबने खाया II
पर उपकारी होते वृक्ष II
करते स्वयं नहीं फल भक्ष II
दूषित हवा ग्रहंण वो करते II
आक्सीजन उत्सर्जित करते II
वृक्ष पुष्पों ने जग महंकाया
स्वच्छ वायू से सुन्दर काया
ठंढी हवा वृक्ष से मिलती II
स्वच्छ श्वांस से सेहत खिलतीं II
सुन्दर स्वस्थ शरीर निरोगी II
वृक्ष बहुत ही हैं उपयोगी II
वृक्षों से ही औषधि मिलती II
जिससे बीमारी है डरती II
जल कटाव से भू संरक्षण II
बाढ़ को करते वृक्ष नियंत्रण II
वृक्ष मॉनसून को लाये II
उमड़ घुमड़ मेघा वर्षायें II
वट पीपर पाकरी लगाओ II
इनसे सघन छाँव को पाओ II
आम लगाकर पुण्यं कमाओ II
इसकी लकड़ी से हवन कराओ II
हवन से होती वायू स्वक्ष II
गुणकारी है आम का वृक्ष II
एकबार जो वृक्ष लगाये II
उसका जन्म धन्य हो जाये II
हम सब मिलकर शपथ करें II
काटे ना कोई वृक्ष हरे II
सूखी लकड़ी ग्रहण करें II
काटो ना भाई वृक्ष हरे II
और दूसरों को भी रोंके II
काटे वृक्ष उसे भी टोंके II
सभी एक यदि वृक्ष लगायें II
धरती हरी भरी हो जाये II
पृथ्वी पर छाये हरियाली II
पर्यावरण रहे खुशहाली II
शुभम कहे सुनों हे भाई Ii
आओ मिलकर वृक्ष लगाई II
ज्यादा और कहूं क्या मैं II
वृक्षों में ही जीवन है II
वृक्ष नहीं यदि रहे धरा पर
समझो जीवन नहीं यहाँ फिर II
वृक्ष बिना यहाँ कुछ भी नहीं है वृक्ष में सबकी जान
वृक्ष बिन काली निशि सा विहान जानले रे मानव अज्ञान
दोहन होता रहा इस तरह होता रहा कटान
वनस्पति वन काट काट के होता रहा निर्माण
थार सहारा कालाहारी का होगा रेगिस्तान
स्वर्ग जहाँ पर देख रहा तू होगा वहाँ श्मशान
जान ले रे मानव अज्ञान जान ले रे मानव अज्ञान
वृक्षेभ्यःपर्थिभ्याम भूषणं अस्ति
वृक्षे जनानां जीवनं अस्ति
वृक्षम सर्वम ददाति जीवनं
नास्ति वृक्षम नास्ति जीवनं
समर्पित वृक्षारोपण महाकुम्भ
☽ श्रावण शुक्ला दशमी
विक्रम संवत् २०७६☀
शुक्रवार अगस्त ०९ , २०१९
धन्यवाद
जय श्रीराम 🙏🙏⛳️⛳️
शुभम त्रिपाठी
Web Title: Poem by Subham Kumar Tripathi
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