"चीनी वस्तुओं का बहिष्कार
इस बार दीवाली मैं स्वदेशी ही मनाऊंगी
चीनी समान का विरोध कर
मिट्टी के ही दिये जलाऊँगी
ना ही लूंगी झालर
ना ही लड़ी लगाऊंगी
इस बार दीवाली मैं स्वदेशी मनाऊंगी
चीनी वस्तुओं ने ही हमको लूटा है।
अपनी वस्तु सच्ची बतलाकर
बाकी वस्तुओ को बतलाया झूठा है
इस बार दीवाली मै अपने घर मनाऊंगी।
घर मे लक्ष्मी जी लाऊंगी
अपना पैसा देश मे दे कर सबकी दीवाली मनवाऊंगी
न खरीदूंगी चीनी वस्तु
ना ही खरीदने की सलाह दे जाउंगी
इस बार दीवाली मै स्वदेशी मनाऊंगी
चीनी वस्तुओं का बहिष्कार कर
मिट्टी के दिये जलाऊंगी
उनसे ही उजाला कर जाउंगी
चीनी झालर से घर रौशन हुए
रौशन हुआ जहान
इस चीनी वस्तुओं ने
तो छीन ली है
भारत की मुस्कान
अब भारत की मुस्कान मै वापस लाऊंगी
इस दीवाली मै स्वदेशी वस्तु ही अपनाउंगी
"
Web Title: Poem by Neha tripathi , Vayam official blog content