आयी है दीवाली सब मिलकर फर्ज निभायेंगे - Poem by Arunesh kumar kushwha

 

"आयी है दीवाली सब मिलकर फर्ज निभायेंगे,

स्वदेशी का नारा सब मिलकर के लगायेंगे।

चाहें 1रूपय समां, चाहे हो हजारों का

सब कुछ वही खरीदेंगे जो बना हो‌अपने देश का।

डिजिटल के क्षेत्र में देखो,इन सबका है काम बडा,

सारे एप्प विदेशी बन्द हो हो जायेगा का काम बडा।

अपने हि लोगों में यह कर हमें युद्ध लडना होगा,

और विदेशी  व्यापारों को बन्द करना होगा।

हम अपने भारत को फिर संपन्न बनायेंगे,

आओ मिलकर सपथ उठाये स्वदेशी अपनाएंगे


आंखें छोटी कद है छोटा,सपने देखे बड़ा और मोटा,

बिजनेस करता हमसे, और नोट कमाता है मोटा।

देश चीन है देखो तो, रोजगार हमसे ही करता है,

और हमसे  ही उल्टा लडता है।

बस इसीलिए तो कहता हूं स्वदेशी अपनाओ सच्चा,

और अपना सब हमको लगता है  अच्छा।

इस बार और इस टाइम की बात नहीं,

हर बार, हर समय की और हर टाइम स्वदेशी अपनाओ सही।

अपने समान और सब एप्पो को दुनिया में पहचान बानयेगें,

आओ मिलकर सपथ उठाये स्वदेशी अपनाएंगे।

जब हम अपने हर तरीके से आत्म निर्भर बन जायेंगे,

तो फिर से हम दुनिया के विश्व गुरु वन जायेंगे।

आयी है दीवाली सब मिलकर फर्ज निभायेंगे,

स्वदेशी का नारा सब मिलकर के लगायेंगे।

आओ मिलकर सपथ उठाये स्वदेशी अपनाएंगे।।

         _अरूणेश कुमार कुशवाहा जी"


Web Title:   Poem by Arunesh kumar kushwha, Vayam official blog content

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