हिन्दू हिंदुस्तान पर बाजारु प्रहार- Poem by Nandlal Mani Tripathi Pitambar

 

"हिन्दू हिंदुस्तान पर बाजारु प्रहार--


दीपोत्सव लक्ष्मी गणेश वंन्दन अभिनंन्दन शुख शांति अनुष्ठान ।।


राम अयोध्या आगमन अंत वनवास राम राज्य दीपोत्सव याथार्त।।


सत्य सनातन परंपरा उत्सव पर्व मानव मानवता का व्यवहारिक व्यवहार हिन्दू हिंदुस्तान।।


दीपोत्सव विशुद्ध सात्विक वैज्ञानिक विज्ञान संमत उत्साह उत्सव त्योहार।।


विद्युत झालर, मोमबत्ती ,शोर शराबा आतिशबाजी सुख  शांति मनोकामना पूजन पर्यावरण विरोधी परिहास।।


हिन्दू हिंदुस्तान में नास्तिक विकृत मानवता का अभिमान चीन कहाँ से आया नष्ट करता हिन्दू की पहचान।।


भारत की विशुद्ध सात्विक परंपरा पर चीन का बाजारु प्रहार।।


भारत की मर्यादाओं को  खोखला करता गृह उद्योग।भारत की पहचान।।

 

ग्रमीण भारत की रोजी रोटी का चीन का बाजारु परिहास ।।


आधुनिक हिन्दू हिंदुस्तान पर चीन का सांस्कारिक आघात।।


जागो जागो हिन्दू हिंदुस्तान अपनी विशुद्ध सात्विक परम्परा ।।


उत्सव त्यौहार में चीन निर्मित किसी

वस्तु का करना होगा वहिष्कार।।



नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश।।"


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