कविता का शीर्षक- भारत देश की भूमि है निराली
भारत देश की भूमि है निराली
बलिदानियों के रक्तो से सुशोभित
भगत शेखर जैसे वीरो के त्याग से,
अंबेडकर के ज्ञान से,
सावरकर के बलिदान से,
नेहरू के अभिमान से,
सुभाष के जज़्बे से,
गांधी के अहिंसा पाठ से,
अनेकों कांतिकरियो के समपर्ण से तैयार
है! भूमि नमन है, तुझे नमन है।
Web Title: Poem by Arvind Sahu