देश का कल्याण कर त्याग कर बलिदान कर- DK Siddiqui

 देश का कल्याण कर त्याग कर बलिदान कर

तू नारी है नारी का सम्मान कर 

तू दुर्गा है मनु है इंदरा है सीता है 

अपने इस अवतार पर अभिमान कर

तू नारी है नारी का समान कर 

जो बात हो आन की बान की शान की

तो वार कर प्रहार कर नारी शक्ति की पहचान कर

देश का विस्तार हो उद्धार हो उत्थान हो

ऐसा कोई काम कर तू आज नवविहान कर

तू नारी है नारी का सम्मान कर

पापों का तू नाश कर पुण्य का विकास कर

दूर अंधकार कर ना कोई भेद व्यवधान कर

तू बेटी है बहन है माँ है वधु है

इसे ध्यान कर मत उससे घमासान कर 

भारत में "दहेज प्रथा" अभिशाप थी अभिशाप है

इस पाठ का तू ज्ञान कर तू ज्ञान कर 

तू नारी है नारी का सम्मान कर 




Web Title:  Poem by DK Siddiqui


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