वह सीमा पर जागते हैं, तभी हम अपने घरों में चैन से सोते हैं...
अहिंसा परमो धर्म का मंत्र जपने वाला भारत विश्व के सर्वाधिक ताकतवर देशों में शुमार है.
कई लोगों को यह सिद्धांत परस्पर विरोधी लगता होगा कि आखिर अहिंसा के सिद्धांत का ताकतवर होने और विश्व की सबसे मजबूत सेना, सबसे बहादुर सैनिकों से भला क्या संबंध है?
इसे समझने के लिए हमें महाभारत काल के कुरुक्षेत्र की ओर प्रस्थान करना होगा. कुरुक्षेत्र में जब धर्म युद्ध शुरु होने वाला था, दोनों पक्षों की सेनायें आमने सामने खड़ी थीं, ठीक तभी मोह में पड़कर गांडीवधारी अर्जुन, तब युद्ध करने से विरत हो रहे थे, तब योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें शांति के लिए युद्ध करने को कहा था.
भगवान श्री कृष्ण के पांचजन्य शंख का नाद आज भी भारत याद रखे हुए है, और इसी की परिणति है हमारी भारतीय सेना और विश्व में सर्वाधिक बहादुर हमारे भारतीय सैनिक!
यह वही भारतीय सैनिक हैं, जो देश में शांति के लिए अर्जुन की भांति सदैव अपना 'गांडीव' कंधे से लटकाए रहते हैं. कल्पना करना मुश्किल नहीं है कि अगर सीमा पर सैनिक नहीं होंगे, तो देश में कुछ भी ठीक नहीं होगा.
ना हम चैन से सो पाएंगे, ना हम नौकरी कर पाएंगे, ना हम कोई स्टार्टअप कर पाएंगे, ना हम कहीं घूमने जा पाएंगे, ना ही हम कोई उत्सव ही मना पाएंगे, ना हम कोई भाषण दे पाएंगे, न भाषण सुन पाएंगे...
कहने को तो हर आदमी कुछ ना कुछ काम करता ही है, और उसके काम का अपना महत्व भी है, लेकिन सैनिकों का काम सर्वोपरि है. चूंकि सैनिक अपना प्राण न्योछावर करने को सदा ही तत्पर रहते हैं, वहीं दूसरे किसी भी कार्य में, प्राण न्योछावर करने का तो रिस्क नहीं होता है न!इसलिए हर कोई हमारे सैनिकों को नमन करता है, और करना भी चाहिए... पर कुछ लोग गाहे-बगाहे सवाल भी उठा देते हैं!
कुछ सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठा देते हैं, तो कुछ अपने कार्य को सैनिकों से महत्वपूर्ण समझ बैठते हैं...
ऐसे में एक प्रसंग याद आता है.
अभी हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दी फैमिली मैन (The Family Man) नाम से वेब सीरीज रिलीज हुई थी, जिसमें मंझे हुए अभिनेता मनोज बाजपेई मुख्य किरदार में थे.
सीजन 1 के तीसरे एपिसोड में उनका एक सीन याद कीजिए...
देश की रक्षा के लिए सदैव तत्पर एक सैनिक - जासूस की भूमिका में मनोज बाजपेई को उनका एक रिश्तेदार कहता है कि इस सरकारी नौकरी में रखा ही क्या है? ना पैसा है, न अपनी जान की सुरक्षा है... तो श्रीकांत बने मनोज बाजपेई जवाब देते हैं कि अगर सब ऐसे ही सोचेंगे, तो इस देश की रक्षा कैसे होगी? यह देश आगे कैसे बढ़ेगा?
उनका रिश्तेदार कहता है कि वह भी तो प्राइवेट नौकरी करके देश की इकॉनमी में योगदान कर रहा है... ठीक तब का मनोज बाजपेयी का सीन याद कीजिए! उनका किरदार श्रीकांत तब कहता है कि "जब देश सुरक्षित ही नहीं रहेगा, तो तुम इकोनॉमी को कैसे बढ़ा लोगे?
तात्पर्य बड़ा साफ है कि सुरक्षा सर्वोपरि है.
जिस प्रकार एक मनुष्य को हवा, पानी, भोजन, मकान, नौकरी इत्यादि तमाम चीजों की जरूरत होती है, लेकिन उसमें भी सबसे महत्वपूर्ण हवा ही है!
पानी के बिना तो कुछ घंटे आदमी जीवित भी रह ले... भोजन के बिना कुछ दिन जीवित रह सकता है... दूसरी सुविधाओं के बिना कुछ महीने या कुछ साल जीवित रह सकता है, किंतु हवा के बिना तो कोई चंद मिनट भी नहीं जी सकता!!
ठीक वैसे ही सैनिकों के बिना हमारा देश चल ही नहीं सकता, और कभी आतंरिक तो कभी वाह्य आक्रमणों से देश बर्बादी की राह पर बढ़ जायेगा! सीरिया, अफ़ग़ानिस्तान और दूसरे कई देशों का उदाहरण आज भी देख सकते हैं हम. अफ़ग़ानिस्तान में वहां की सेना टिक नहीं पायी और संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों ने अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़ा कर लिया.
अब वहां कौन सा प्रोफेशनल अफ़ग़ानिस्तान की इकॉनमी बढ़ा लेगा भला.... ?? सोचने वाली बात है!
यह बात खुशनसीबी की भी है, जो हम भारतीयों को सौभाग्य में मिली है... क्योंकि हमारे पास भारतीय सेना है, हमारे बहादुर सिपाही हैं... जो हमें महफूज रखते हैं!
इसीलिए हर वर्ग हमारे देश के सैनिकों को सलाम करता है, और उन्हें सर माथे पर लगाए बैठता है.
वह हैं, इसीलिए हम हैं... और इसीलिए हम देश का विकास कर पा रहे हैं.उन्हीं की वजह से हम देश की इकॉनमी को बढ़ा पा रहे हैं, और उन्हीं की वजह से हम दूसरे सामान्य क्रियाकलाप कर पा रहे हैं.
वयं ऐप देश के सैनिकों को सलाम करता है.
एक मनुष्य के लिए हवा से बढ़कर कुछ नहीं... और एक देश के लिए सैनिकों से ऊपर कुछ नहीं!
अतः भारत के सैनिकों के प्रति अभिनंदन बनता है, उनके प्रति, उनकी श्रद्धा में हमारा सिर हमेशा झुका होना चाहिए, क्योंकि एक कृतज्ञ व्यक्ति ही एक कृतज्ञ राष्ट्र का निर्माण कर सकता है.
आइए सैनिकों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें और उनके त्याग के फलस्वरुप हमें मिले अवसरों को भारत निर्माण में लगायें, भारत को आत्मनिर्भर बनाएं... और वयं ऐप भी आत्मनिर्भर भारत के अभियान में जुटा हुआ है, ताकि हर क्षेत्र में हम प्रगति करें... और प्रगति हम तभी कर सकते हैं, जब हम कृतज्ञ बनें अपने राष्ट्र के प्रति, अपने सैनिकों के प्रति और इस कृतज्ञता को अपनी फैमिली - अपने बच्चों तक में रोपित करें, हर एक नागरिक तक प्रसारित करें... एक-एक बच्चे को संस्कारित करें, क्योंकि यही वह भावना है, यही वह संस्कार है, जो भारत को आत्म गौरव के शिखर पर ले जाएगा, और पुनः विश्व गुरु के पद पर प्रतिष्ठित करेगा.
जय हिन्द, जय भारत
Web Title: LIVE PROGRAM WITH SOLDIERS INDIAN, 15 October 2021, watch on Vayam