भारत आज आज़ाद है....
भारत आज आज़ाद है....
अंग्रेजों के कूटनीतियों से,
जिल्लतों की परिधियों से,
पर क्या वो आजा़द है..
समाज की कुरितीयों से ?
भारत आज आज़ाद है....
फिरंगियों के कंटिले अपवादों से
तीन गुना लगान के नादों से,
पर क्या वो आजाद है..
धर्माधारित फ़िज़ूल विवादों से ?
भारत आज आज़ाद है....
गुलामी की चुभती बंदिशों से,
अंग्रेजों के हुकुमती रंजीशों से,
पर क्या वो आजा़द है
सत्तालोभियों की साजिशों से ?
सवाल यह सोचने पर करें मजबूर,
आज़ाद है अंग्रेजों की तानाशाही से,
पर कब हम आजाद हो पाएंगे,
भीतरी पनपते द्वेषों की लड़ाई से.....
स्वरचित मौलिक कविता
~ नंदिता माजी शर्मा
मुंबई महाराष्ट्र
Web Title: Poem by Nandita Sharma
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