तेरे एप्स और हम
तुमने बनाए षड्यंत्र कुछ ऐसा,
जिसमें सारा देश था उलझा फंसा।
तेरे बनाए आकर्षण अब ढेर हुए,
हमको तेरे एप्स से ही नहीं बल्कि तुमसे भी बैर हुए।
तुमने दिया जो विश्व को कोरोना,
सालों तक चलता रहा संसार का रोना धोना।
तुम अपनी तकनीक अपने पास रख,
हमारे पास अपना जुगाड़ है, दूसरे से आस रख।
किसी की उन्नति से नहीं है हमारा क्लेश,
ऐसा तू भी भाव रख, ऐसा है मेरा देश।।
Web Title: Poem by Alok Ranjan
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