जिसे पूजता सारा स़ंसार है
तुम नारी हो यह बताया जाता है हर पल तुम्हें,
तुम्हारे सपनों को ठुकराता ये समाज,
तुम्हारी शक्ति से अनजान हैं,
हे नारी! तुम ही दुर्गा तुम ही काली,
तुम्हारी महिमा जग में निराली,
गृह लक्ष्मी बन घर को संभालती,
दुर्गा बन दुष्टों का संहार करती,
अनजान हैं यह जग सारा,
तभी करता तुम्हारा अपमान हैं,
तुम नारी हो अबला हो यह समझने की करता भूल है,
वो क्या जाने तुम आदिशक्ति मां जगदम्बा का रूप हो,
तुम अबला नहीं सशक्त हो,
तुम वो बेचारी नहीं जो सहती जनता की आवाज को,
तुम वो शेरनी हो जो करती पापों का नाश है,
बस डरना तुम्हारा स्वभाव है,
पर तुमको सशक्त बन करना कुछ काम है,
दिखाना संसार को तुम भी प्रबल हो,
जगाओं नारीशक्ति को और दिखाओ संसार को,
तुम भी सशक्त हो हर क्षेत्र में,
तुम बिन संसार की कल्पना कहां,
तुम ही जगजननी माता का रूप हो,
जिसे पूजता सारा स़ंसार है।
Web Title: Poem by Pinki khandelwal
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