चूड़ी वाले हाथ... - Poem by Arunima Srivastava

 

"चूड़ी वाले हाथ...


 लोग अक्सर किसी को कायर बताने के लिए कह देते हैं,

“चूड़ियाँ पहन रखी है क्या...??”

पर क्या आप सब जानते हैं, इन चूड़ी वाले हाथों में कितनी ताक़त है....??


इन चूड़ी वाले हाथों ने जब जब चूड़ियाँ खनकाई है,

ना जाने कितने घरों के अंदर ख़ुशियाँ दौड़ी आयी है..।।


ये चूड़ी वाले हाथ हर रोज़ जंग पर जाते हैं,

पर कितने भी ज़ख़्मी हो जाए चूड़ियाँ ज़रूर खनकाते हैं..।।


इन चूड़ी वाले हाथों ने परिवार जोड़ कर रखा है,

अपनी मुट्ठी में पूरा संसार जोड़ कर रखा है..।।


इन चूड़ी वाले हाथों ने कई जिम्मेदारियाँ उठाई है,

जाने कितनी बार तवे पर अपनी ऊँगलियाँ जलायी है..।।


इनमे ममता का स्पर्श है, इनकी लकीरों में संघर्ष है,

ये अंदर ही अंदर घूटी हैं, चूड़ियाँ कलाई में ही टूटी हैं..।।


कभी कमज़ोर कहा, कभी चरित्रहीन

कभी मान दिया , कभी की तौहिन..।।


और मौन होकर सब सहती रही,

अरमान सब्र का टूट गया, अंदर का ज्वाला फूट गया..।।


 इन चूड़ी वाले हाथों ने लोहे की ज़ंजीर काटी है,

चार दिवारी से निकल कर, पूरी दुनिया नापी है..।।


अब बेलन पकड़ने वाले हाथों ने 

क़लम चलाना सीख लिया

इन चूड़ी वाले हाथों ने आख़िर ये जंग जीत लिया..।।


ना हारी है, ना हारेंगी, ना डरी हैं, ना डरेंगी

ये हिम्मत की खनक लिए हर मुश्किल से लड़ेंगी..।।


इन चूड़ी वाले हाथों में कोमलता है, निर्मलता नही

इनकी पकड़ बहुत मज़बूत है, कोई रिश्ता आसानी से फिसलता नही..।।


ये ख़ुद में पूरी सक्षम हैं, इन्हें किसी सहारे की आस नही,

ये चूड़ी वाले हाथ महाशय, किसी कायर के पास नही..।।


-Aavika

"


Web Title: Poem by Arunima Srivastava


आत्मनिर्भर दिवाली की दो प्रतियोगिताओं (कविता-प्रतियोगिता एवं लेखन-प्रतियोगिता) में भाग लें. 2,100/- का प्रथम पुरस्कार... अपनी रचनायें जल्दी भेजें ... 

vayam.app




Post a Comment

Previous Post Next Post