हिन्दी एवं राष्ट्रीयता - Poem by Dr. Deepti Gaur

 "शीर्षक  *""हिन्दी एवं राष्ट्रीयता*


आराधन हम करें राष्ट्र का, 

हिन्दी का गुणगान करें l 

एक सूत्र में बांधे जन-मन,

हिन्दी का सम्मान करें l


1. देवनागरी लिपि से शोभित, 

उत्तम शब्द विन्यास है l

संस्कृत जिसकी जननी है, 

करें सभी अभ्यास है।

राष्ट्रभाषा के महायज्ञ में, 

आओ हम योगदान करें।


2.भारत की अनगिन भाषाएं, 

मीठी- मीठी बोलियां ।

माता के अंतर से उठती, 

वात्सल्य की लोरियां । 

देश के बच्चे बच्चे से, 

हिन्दी का आह्वान करें ।


3. ज्यों ललाट पर शोभित होती, 

नारी का अभिमान है बिंदी ।

भारत माता की गरिमा की,

आन-बान और शान है हिंदी ।

वैज्ञानिक शब्दावली इसकी, 

मित्र नवल संधान करें ।


© रचनाकार 

डॉ. दीप्ति गौड़ दीप




Web Title: Poem by Dr. Deepti Gaur


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