भारत की पावन पुनित धरा poem by Garima Sharma

 भारत की पावन पुनित धरा, संसार में सर्वश्रेष्ट है

संस्कार और संस्कृति में यह, सब देशों का ज्येष्ठ है

इसका प्रहरी पर्वतराज, हिमालय बनकर बैठा है

भारत मां के किरीट का, अलंकरण बड़ा अनूठा है

दक्षिण में सागर की धारा, चरण कमल धुलवाती है

अरब सागर बंगाल की खाड़ी से, प्रायद्वीप बन जाती है

उपवन के पुष्पों की माला, इसके अलंकार कहलाते हैं

हरा श्वेत केसरिया उर को, मंद मंद हर्षाते हैं

गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, कृष्णा, कावेरी बहती है

जैसे मानव की रग-रग रग में, रक्त की धारा बहती है

हिंदू, मुस्लिम ,सिख ,ईसाई सब इसकी संतान है

पूरी सृष्टि में केवल, भारत देश महान है।



यह राम -कृष्ण भगवान की जन्म भूमि कहलाती है

सीता और राधा रानी के धर्म की गाथा गाती है

यहां सूरदास और तुलसीदास भक्त बड़े महान हुए

मीराबाई और कवि कबीर रहीम, रसखान हुए

यहां जय संहिता, रामायण, गीता की कथा सुनाते हैं

कुरान और पुराणों की संस्कृति सभ्यता गाते हैं

पक्षी मंदिर में दाना चुग कर के मस्जिद में पानी पीते हैं

उड़कर के उन्मुक्त गगन में रैन बसेरा करते हैं

त्योहारों का देश हमारा सब देशों से न्यारा है

रक्षाबंधन ,ईदगाह में बढ़ता भाईचारा है

यह अल्लाह का पैगाम है ईश्वर का एक वरदान है

पूरी सृष्टि में केवल भारत देश महान है।



वेश-भूषा, धर्म ,भाषा भिन्न-भिन्न यहां मिलते हैंं

देश धर्म की रक्षा में मिलकर प्रहार वे सहते हैं

इस देश मेंं कर्तव्य निष्ठा, दृढ़- निश्चय, शौर्य ही पाता है

माटी के कण-कण में वीरों का बलिदान दिख जाता है

इस माटी में जन्म से गुरु नानक कृष्ण भी धन्य हुए

जब वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप से पूत के जन्म हुए

धरती का छिन- छिन शूरवीरता की गाथाएं गाता है

ओज भाव से भरी लोरियां सुनता और सुनाता है



हर बच्चा-बच्चा भारत का विद्वान विदुषी बना रहे

भारत के बच्चों का सीना गर्व शौर्य से तना रहे

गरिमा चाहेगी धरती पर भारत का अमिट सम्मान रहे

भारत -भारत करे दुनिया भारत का ऊंचा नाम रहे

पूरी सृष्टि मैं केवल भारत देश महान रहे।



Web Title: Garima Sharma


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