नारी शक्ति -Poem by Geetika Meena

 


"नारी शक्ति 


भारतीय नारी  खेल रही है,अब हर क्षेत्र में शानदार पारी।

अब ना रही कोई कमजोर,ना इनमे कोई लाचारी।

बहुत क्षेत्रो में अपना परचम लहरा चुकी हैं ,

अब अभिमानी पुरूषो पर पड रही है भारी।

भारतीय नारी ............। 


क्या जल,थल और नभ अब?

अब हर जगह की है वो अधिकारी।

निरन्तर आगे बढ रही है,

निभाते हुए अपनी जिम्मेदारी।

भारतीय नारी ...........। 


नारी शक्ति का खूब प्रहार है,

अब सब पर उसका ही शिकार है।

जीवन रथ के दो पहिए है एक पुरुष दूजी नारी।

भारतीय नारी ................। 


परम्परा हो या संस्कृति, खूब निभा लेती है नारी।

कोई फर्क नहीं पडता निजी क्षेत्र हो या सरकारी।

आदर सम्मान का प्रतीक है नारी,

हैवानो के लिए काली का रूप है नारी।

भारतीय नारी ..........।"

Web Title: Poem by Geetika Meena


आत्मनिर्भर दिवाली की दो प्रतियोगिताओं (कविता-प्रतियोगिता एवं लेखन-प्रतियोगिता) में भाग लें. 2,100/- का प्रथम पुरस्कार... अपनी रचनायें जल्दी भेजें ... 

vayam.app




Post a Comment

Previous Post Next Post