उन अमर शहीद जवानो की मैं याद दिलाने आया हूँ - Poem by Govind Singh bhagat

 

"कविता

विषय -आजादी 

शीर्षक - उन अमर शहीद जवानो की मैं याद दिलाने आया हूँ |


1. जब घोर अन्धेरा छाया था ,

                दुस्मन घर में घुस आया था ,

फूंकी थी चिंगारी क्रांति वीरो ने ,

                 ये बात बताने आया हूँ,

   उन अमर शहीद जवानो की मैं याद दिलाने आया हूँ |               


2. फांसी पर चढ़ गए भगत सिंह ,

                         क्रांति दीप जलाने को ,

जवानो के ठन्डे खूनो को ,

                ज्वाला मुखी बनाने को ,

उस नि: स्वार्थ कुर्बानी को ,

                      श्रद्धा सुमन चढ़ाने आया हूँ ,

उन अमर शहीद जवानो की मैं याद दिलाने आया हूँ |


3. अनेंको सतीयो का सुहाग गया ,

                         अनेंको माँ ने बेटा खोया हैं ,

कुछ का तो हमे पता चला पर ,

                 अनेंको ने गुप्त रूप में लहू को बोया है ,

मैं उन प्रत्येक अमर बलिदानी  को ,

                        बारम्बार शीश नवाने आया हूँ ,

उन अमर शहीद जवानो की मैं याद दिलाने आया हूँ |


4.बहाया हैं खून सपूतो ने ,

                    छलनी सीना करवाया हैं ,

तब महासंग्राम की विजयमाला में ,

                         आजादी हमने पाया हैं ,

उस आजादी की कीमत को ,

                    मैं फिर बतलाने आया हूँ ,

उन अमर शहीद जवानो की मैं याद दिलाने आया हूँ |


5. छुड़ाकर धरती गोरों से ,

                        स्वतंत्र देश का नाम दिया ,

फहराया तिरंगा अम्बर में ,

                   खुशहाली भरा आज प्रदान किया ,

बनाये रखना हैं आन बान शान सदा ,

                       ये भान कराने आया हूँ 

उन अमर शहीद जवानो की मैं याद दिलाने आया हूँ |

उन अमर शहीद जवानो की मैं याद दिलाने आया हूँ |

 जय हिन्द भारत माता की जय    

                               गोविन्द सिंह भगत 

                               मौलिक एवं स्वरचित"


Web Title: Poem by Govind Singh bhagat


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