"कविता
विषय -आजादी
शीर्षक - उन अमर शहीद जवानो की मैं याद दिलाने आया हूँ |
1. जब घोर अन्धेरा छाया था ,
दुस्मन घर में घुस आया था ,
फूंकी थी चिंगारी क्रांति वीरो ने ,
ये बात बताने आया हूँ,
उन अमर शहीद जवानो की मैं याद दिलाने आया हूँ |
2. फांसी पर चढ़ गए भगत सिंह ,
क्रांति दीप जलाने को ,
जवानो के ठन्डे खूनो को ,
ज्वाला मुखी बनाने को ,
उस नि: स्वार्थ कुर्बानी को ,
श्रद्धा सुमन चढ़ाने आया हूँ ,
उन अमर शहीद जवानो की मैं याद दिलाने आया हूँ |
3. अनेंको सतीयो का सुहाग गया ,
अनेंको माँ ने बेटा खोया हैं ,
कुछ का तो हमे पता चला पर ,
अनेंको ने गुप्त रूप में लहू को बोया है ,
मैं उन प्रत्येक अमर बलिदानी को ,
बारम्बार शीश नवाने आया हूँ ,
उन अमर शहीद जवानो की मैं याद दिलाने आया हूँ |
4.बहाया हैं खून सपूतो ने ,
छलनी सीना करवाया हैं ,
तब महासंग्राम की विजयमाला में ,
आजादी हमने पाया हैं ,
उस आजादी की कीमत को ,
मैं फिर बतलाने आया हूँ ,
उन अमर शहीद जवानो की मैं याद दिलाने आया हूँ |
5. छुड़ाकर धरती गोरों से ,
स्वतंत्र देश का नाम दिया ,
फहराया तिरंगा अम्बर में ,
खुशहाली भरा आज प्रदान किया ,
बनाये रखना हैं आन बान शान सदा ,
ये भान कराने आया हूँ
उन अमर शहीद जवानो की मैं याद दिलाने आया हूँ |
उन अमर शहीद जवानो की मैं याद दिलाने आया हूँ |
जय हिन्द भारत माता की जय
गोविन्द सिंह भगत
मौलिक एवं स्वरचित"
Web Title: Poem by Govind Singh bhagat
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