"आज हालत देखकर लड़कियों की
फिर से दिल ये रोया हैं।
इस देश में कन्या को देवी बोला जाता हैं,
फिर उस देवी के साथ ही दुष्कर्म बड़ा किया जाता हैं।
इस समाज में भेड़िये ऐसे भी मिलते हैं जो...
छोटी- सी बच्ची को भी वेरी हॉट कहते फिरते हैं।
एक दिन खबर ये आई थी की
5 साल की बच्ची खुद को दुष्कर्म से बचा ना पाई थी,
किसी ने पूछा की क्या किया जाए?
मैंनें कहा कि...
लड़कियों को ही सशक्त किया जाए।
फिर 2 दिन बाद ही 9 महीने की बच्ची पर ये कहर ढाया गया था,
जिसने रोने के सिवा अभी कुछ सिखा ना था।
उसे भी किसी दरिंदे ने सेक्सी बड़ा बताया था।
पूछा गया फिर से कि अब इस हाल में क्या किया जाए?
क्या करूँ...??
इस बार मेरे मुँह से शब्द कोई निकल नहीं पाए थे।
कि अब समाज से अहवानों को खत्म मत करो,
क्योंकि ये तो और भी पलते जायेंगे।
अब बारी हैं...
अहवानों से उनकी अवनियत् को खत्म करने की,
क्योंकि अब इसी से लड़कियाँ
खुलकर आसमान में पंख अपने फेला पायेगी।
अहवानों की अवनियत् को खत्म करने से जादू बड़ा अनोखा होगा,
सच मानो यार,
आए दिन समाज में हत्या, बलात्कार जैसा पाप फिर नहीं होगा...। "
Web Title: Poem by Sonia Sharma
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