"माँ
ओ मेरी प्यारी प्यारी माँ, ओ जग से न्यारी न्यारी माँ
मैं तेरी जीवन की बगिया,तू मेरी क्यारी क्यारी माँ
मुझको पाने की खातिर ,तूने कितने प्रयत्न किए हैं
जब भी जो बतलाया जिसने, सारे जतन किये हैं
मंदिर - मस्जिद घूमी माँ, हर रास्ता सीढ़ी चूमी माँ
ओ अपने बच्चों की ख़ातिर, लेती हरपल धूनी माँ
ओ मेरी प्यारी प्यारी माँ,ओ जग से न्यारि न्यारि माँ
में तेरी जीवन की बगिया तू मेरी क्यारी क्यारी माँ,,ओ मेरी।।
2....
जो में बोलूं बो तू बोले ,जग को खूब बताती
साथ में मेरे नाच नाच के ,तू भी तो तुतलाती
में तेरा चाँद-सितारी मां,तू मेरी दूध बताशी माँ
ओ अपने बच्चो की ख़ातिर,खुद बच्चा बन जाती माँ
ओ मेरी प्यारी प्यारी माँ, ओ जग से न्यारि न्यारि माँ
मैं तेरी जीवन की बगिया,तू मेरी क्यारी क्यारी माँ,,ओ मेरी।
3....
डाँट-डपट के लाड़ प्यार से ,मुझको खूब पढ़ाती
जीवनपथ पर कैसे चलना,तू ही तो सिखलाती
मैं पाऊं कोई ख़िताबी माँ, तू मेरी पहली किताबी माँ
ओ हर बच्चे के मुख से पहला, *सुर* ही आती माँ
ओ मेरी प्यारी प्यारी माँ, ओ जग से न्यारि न्यारि माँ
मैं तेरी जीवन की बगिया,तू मेरी क्यारी क्यारी माँ,,ओ मेरी।
🎶🎼✍सुरजीत गुप्ता
"
Web Title: Poem by Surjit Gupta
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