स्त्री होना सरल है- Poem by Divyanshi Rathour

 

स्त्री होना सरल है

इतना सरल

किसी बात पर 

रोने वाले पुरुष को

स्त्री कह देते हैं....


अपनी पत्नी को

कभी ना मारने वाले पुरुष

स्त्री समझ लिये जाते हैं....


मीठा बोलने वाले

दोस्ताना पुरुष

स्त्री होते हैं....


घर में हाथ बटाने वाले

झूठे बर्तन धोने वाले

स्त्री होते हैं.....


सहन करने वाले

शांत मन से

चुप रह कर.....


मुस्कुरा देने वाले पुरुष

स्त्री ही होते हैं....


कितना सरल है स्त्री होना


संसार में

कुछ ही पुरुष हैं

जो स्त्री बन पाते हैं....



       - Divyanshi Rathour


Web Title: Poem by Divyanshi Rathour


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