कविता का शीर्षक - वोह मेरी माँ है जो बच्चा बोल गले से लगा लेती है..
वोह मेरी माँ है जो बच्चा बोल गले से लगा लेती है..
मुझे अक्सर पापा के डाट से बचा लेती है..
और जब भी कोई मेरी शादी की बात करता है..
मेरी शादी के नाम से ही रो देती है.
वोह माँ है जो मुझे डाट परने पर खुद रो देती है
और अपने आँचल में छिपा लेती है..❤😘
Web Title: Poem by Sapna Kashyap