स्वदेशी के सन्देश के साथ कवियों ने वयं ऐप पर मनाई आत्मनिर्भर दिवाली
आत्म निर्भर दिवाली के सन्देश को कवियों ने वयं ऐप के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित कियाl इसका आयोजन 3 नवम्बर को सुबह 11 बजे से किया गया जिसमे देशभर से आये से भी अधिक कवियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और अपने सुंदर संदेशो से भरी रचनाओं का काव्यपाठ कियाl जिसका सञ्चालन मिथिलेश सिंह जी ने कियाl
इस आयोजन का उद्देश्य बस कविता पाठ तक ही सीमित नहीं था, बल्कि अपने देश की संस्कृति, सभ्यता को फिर से जगा कर नए भारत को उससे जोड़ना भी था, क्योंकि हम जितना प्रगति कि राह पर आगे बढ़ते जा रहे हैं उतने ही अपनी जमीन से कमज़ोर होते जा रहे हैं---- राष्ट्र कवि मैथिलीशरणगुप्त जी ने भी कहा है,
सिर्फ मनोरंजन न कवि का कर्म होना चाहिए , उसमे उचित उपदेश का भी मर्म होना चाहिए ‘’
इसी भाव से वयं ने इस आयोजन को कवियों के माध्यम से इस सन्देश को सम्पूर्ण भारत में प्रसारित करने का कदम उठायाl
सभी कवियों ने अपनी रचनाओं में हर दिवाली पर चाइनीज़ सामान के बदले अपने देश कि मिटटी से बने दीयों को जलाकर दिवाली मानाने का सुंदर सन्देश दिया और आत्मनिर्भर भारत का प्रण भी लियाl सभी ने अपनी अपनी सुंदर कविताओं से समां बांध दियाl
जिसमे, ज्योति व्यास जी, पूजा मिश्रा जी, अमिता मिश्रा, रमेश शर्मा, जुमाना हुज़ेफा, पलक अवस्थी,प्रीती त्रिपाठी, श्याम प्रताप सिंह, नंदिता मांझी,नन्द लाल मणि त्रिपाठी, सुरेश चन्द्र जी, अरुणा जाजू, लिपि गर्ग, मुस्कान रघुवंशी, मुक्ता वार्ष्णेय, आभा गुप्ता, रश्मि गुप्ता, अरुणेश जी, दीक्षा रानी, यशस्वी, किरण कद जी जैसे कई रचनाकारों ने भाग लियाl
इस आयोजन में छोटी उम्र से लेकर अतिव्यस्क उम्र के कवियों ने भाग लिया, सभी का उत्साह व प्रेम स्वदेशी के प्रति ऊर्जा देने वाला थाl
कुछ सन्देश से भरी पंक्तियाँ प्रस्तुत हैं.....
उदयपुर राजस्थान से आयीं, ज़ुमाना हुज़ेफा जी ने कहा...
‘’ इस्तेमाल न करो चीनी सामान ये है भारत का अपमान ‘’
मुंबई से आयीं, नंदिता शर्मा जी ने कहा कि,
‘’ कुछ ऐसे ढंग से चीन को बहिष्कारा जाये ,
कि घर कि चीनी को भी शक्कर कहकर पुकारा जाये’’
गाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश से आये, नीरज कुमार गुप्ता जी ने कहा,
‘’ इस बार दिवाली नहीं हम स्वदेशी दिवाली मनाएंगे,
चीनी झालर को छोड़ मिटटी के दिए जलाएंगे’’
तेलंगाना से आयीं, अरुणा जाजू जी ने कहा कि,.......
'है विनती बारम्बार, सुन लो भारत सरकार
चीन के माल को ही अब कर दो, आप देश के सरहद पार'
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’’ दिवाली कि रौनक उन दीयों से होगी ,
जिनमें मेरे देश कि मिट्टी होगी’’
लखीमपुर खीरी से आये, श्याम प्रताप जी ने कहा, ‘’ कि सिर्फ इस दिवाली नहीं बल्कि पूरे 365 दिन चीनी सामान का बहिष्कार होना चाहिए ‘’
'''दीप प्रज्ज्वलन का पावन त्यौहार दिवाली होता है,
प्रभु राम कि भक्ति का श्रृंगार दिवाली होता है
तथाकथित जो राष्ट्र भक्त हैं, उनसे पूछ रहा हूँ मैं
क्यों चीनी झालर दीयों का व्यापार दिवाली होता है ??''
खरगोन मध्य प्रदेश से आयीं, रश्मि गुप्ता जी ने कहा कि,
’’ हो हित में मेरे देश के वही काम करेंगे ‘’
विलासपुर छत्तीसगढ़ से आयीं, आभा गुप्ता जी ने कहा कि,
‘’ चीन तू कितना आतंकी और बेईमान है,
तेरे आगे तो हमें आतताई रावन पर भी अभिमान है ‘’
मध्य प्रदेश के रतलाम से आयीं, पलक अवस्थी जी ने कहा कि,
‘’झिलमिल करती रौशनी में, नाम हिन्द का होगा अब ‘’
गाज़ियाबाद से आयीं मुक्त वार्ष्णेय जी ने संगीत वाद यन्त्र के माध्यम से लोकगीत लंगुरिया पेश कर समां बांध दियाl
डॉ टीना राव जी ने कहा कि....
स्वदेशी को अपनाओ मित्रो देश का सम्मान करो
नाम और ट्रेंड के पीछे जाकर,
सस्ते दामों में अच्छा पाकर न खुद से खिलवाड़ करो
स्वदेशी को अपनाओ मित्रो ...........................
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,’’ सोने कि चिड़िया कहलाने वाला देश, आज अपनों से ही मात खा रहा हैl…………
दिल्ली से आयीं किरण कद जी ने कहा कि,
‘’ आओ प्यारे भारत वासियों, शपथ लें और ये काम करें,
कोविड को फ़ैलाने वाले का काम तमाम करें’’
दिल्ली से आयीं प्रीती त्रिपाठी जी ने कहा कि,
’’ परतंत्रता कि बेड़ियों को तोड़ आये हैं,
फिर भी नही जननी से खुद को जोड़ पाए हैं ‘’
हरदोई, उत्तर प्रदेश से आये अरुणेश जी ने कहा कि,
‘’ आओ हम सब मिलकर स्वदेशी दीपावली मनाएंगे,
विदेशी सामान को घर से बाहर निकल भागएंगे’’
मध्य प्रदेश से आयीं दीप्ति पाण्डेयजी ने कहा,
'' हे धरा के पुत्र तुमको आज माटी है पुकारे,
आत्म निर्भर देश का जो स्वप्न तुम साकार के दोI
चीन की लडियों से न तुम घर द्वार को रोशन करोगे,
लो शपथ यह आज तुम यूँ, यह धरा खुशियों से भर दो
हे धरा के ..................................
इस तरह सभी ने अपनी रचनाओं के माध्यम से जन जन में स्वदेशी का सन्देश दिया और स्वदेशी ऐप वयं को अपनाने के विचार को बल दिया l सभी ने वयं ऐप को बनाने के लिए वयं के फाउंडर गौरव त्रिपाठी जी को धन्यवाद प्रेषित कियाl
वयं एक वीडियो कम्युनिकेशन प्लेटफ़ॉर्म है, जो सत्संग, काव्य गोष्ठियां, सभाएं, साक्षात्कार,उत्सव आदि कई तरह के आयोजन में अपनी सहभागिता रखता हैl आप सभी अपनी गोष्ठियों के लिए 8383962814 के WHATSAPP नंबर पर NAMASTE टाइप कर अपनी गोष्ठी आयोजित कर सकते हैंl
आप सभी इस आयोजन कि सम्पूर्ण वीडियो नीचे दी गयी लिंक के माध्यम से YOUTUBE पर भी देख सकते
https://youtu.be/E4-TpfDMZKw
Web Title: Aatmanirbhar Diwali Poetry Competition
आत्मनिर्भर दिवाली की दो प्रतियोगिताओं (कविता-प्रतियोगिता एवं लेखन-प्रतियोगिता) में भाग लें. 2,100/- का प्रथम पुरस्कार... अपनी रचनायें जल्दी भेजें ...