वयं ऐप पर डिजिटल उपनिवेशवाद लेखन भाषण प्रतियोगिता का आयोजन
डिजिटल उपनिवेशवाद जैसे ज्वलंतशील विषय पर वयं ऐप ने एक लेखन एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन कर, युवा लेखकों के विचार को राष्ट्रीय स्तर पर मंच प्रदान करने का कार्य किया. इसका आयोजन 2 नवम्बर को सुबह 11 बजे से सम्पूर्ण भारत में वयं ऐप के प्लेटफॉर्म पर किया गयाl
कार्यक्रम में आमंत्रित सुविख्यात साहित्यकार डॉ. विनोद बब्बर ने कहा कि,’ उपनिवेशवाद, अपनिवेशवाद न बने, इस पर विचार करना आवश्यक है’l
उन्होंने कहा कि विदेशी कम्पनियाँ, विदेशी ऐप्स के माध्यम से हमारी सभी इनफार्मेशन को अपने पास रखती हैं, जिससे साइबर क्राइम जैसी गंभीर समस्या भी बढ़ रहीं हैंl
आजकल सभी इन विदेशी एप्स का प्रयोग दिन के अधिकतम समय में करते है,और इनके प्रयोग को बाध्य भी हो चुके हैं, इसिलए हमें इनके बारे में पूरी जानकारी रखनी चाहिएl
इस प्रतियोगिता में देश के अलग-अलग हिस्सों जैसे [ उत्तर प्रदेश, दिल्ली,मध्यप्रदेश,बिहार तेलंगाना,हरियाणा ] आदि कई राज्यों से लगभग 50 रचनाकारों ने भाग लिया. सभी के विचार इस गंभीर विषय पर बहुत परिपक्व थेl भारत के युवा रचनाकारों ने डिजिटल उपनिवेशवाद को भारत में न पनपने देने और विदेशी ऐप, सामान न प्रयोग करने का प्रण लियाl
भाग लेने वाले रचनाकारों में सौम्य त्रिपाठी, निकिता देशपांडे, श्याम प्रताप सिंह, नम्रता गोयल, पूजा मिश्र, ज्योति व्यास, नूर मोहम्मद, सुधीर कुमार, यशी पारीक, अरुणा जाजू, अरुणेश, शंकरपाल,नंदिता मांझी, किरण कद, दामिनी गुप्ता, ज्योति विपुल जैन जैसे कई प्रतिभागी थेl
अयोध्या से आयीं सौम्य त्रिपाठी जी ने कहा कि ’डिजिटल उपनिवेश बड़ी वैश्विक कंपनियों जैसे, गूगल ,माइक्रोसॉफ्ट, अमेजोन, फेसबुक आदि द्वारा किया जाता है, ये कंपनियां पहले सुविधा देती हैं, फिर फायदा उठाती हैंl
गाज़ियाबाद से आयीं पूजा मिश्र जी ने कहा कि,’’भारत में जहाँ पहले गुरुकुल में शिक्षा होती थी,वही बाद में वो कान्वेंट स्कूल में बदल गयी, ये भी एक उपनिवेशवाद का ही कारण हैl
लखीमपुर खीरी से आये, श्याम प्रताप जी ने कहा कि, ’’वयं जैसे भारतीय एप्स व तकनीक को भारत में प्रसारित करना चाहिए, जिसके लिए भारत के ग्रामीण इलाकों में साक्षरता होना बहुत जरूरी हैl
डेटा संरक्षण के लिए भारत में कानून बनाना बेहद ज़रूरी हैl
सभी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नारे लोकल फॉर वोकल को जीवित रखने पर बल दियाl
नागदा, मध्यप्रदेश से आयीं निकिता पाण्डेय जी ने कहा कि,’’ हम विदेशी ऐप्स को बिना सोचे समझे अपनी पूरी जानकारी दे देते हैं, ये बिना जाने कि वो ऐप स्वदेशी है या विदेशी, जो बाद में हमारे लिए मुसीबत बन सकता हैl
विदेशी ऐप कि आभासी दुनिया युवा पीढ़ी को भ्रमित कर रही है, जिससे देश की युवापीढ़ी का भविष्य खतरे में पड़ गया हैl
गाज़ियाबाद से आयीं दामिनी गुप्ता जी ने कहा कि,’’ आज़ादी मिलने के बाद हम फिर से एक नई गुलामी कि तरफ बढ़ते जा रहे हैं, जिसमे डिजिटल उपनिवेशवाद हमारे देश कि अर्थ व्यवस्था को दीमक की भांति खोखला कर रहा है’’
डिजिटल उपनिवेशवाद के रूप में विदेशी ऐप जिस तरह से युवा पीढ़ी को भ्रमित कर रहे हैं, यह विचारणीय प्रश्न हम सभी के सामने है, और हमें इस पर विचार ही नहीं, कार्य करने की भी जरूरत हैl
इसी प्रकार सभी रचनाकारों ने इस आयोजन में अपने विचारों को रखकर, भविष्य के अपने संकल्प को बनाये रखने का वादा किया, और इस आयोजन को सफल बनाया l
सभी ने वयं के साथ काव्य गोष्ठी, उत्सव, आयोजनों में भाग लेने पर भी ख़ुशी जताई और कहा कि वे भी अपनी सभाएं,गोष्ठियां जारी रखेंगे
इस तरह सभी ने अपनी रचनाओं के माध्यम से जन जन में स्वदेशी का सन्देश दिया और स्वदेशी ऐप वयं को अपनाने के विचार पर बल दिया l सभी ने वयं ऐप को बनाने के लिए वयं के फाउंडर गौरव त्रिपाठी जी को धन्यवाद प्रेषित किया l
वयं एक वीडियो कम्युनिकेशन प्लेटफ़ॉर्म है जो सत्संग, काव्य गोष्ठियां, सभाएं, साक्षात्कार,उत्सव आदि कई तरह के आयोजन में अपनी सहभागिता रखता हैl आप सभी अपनी गोष्ठियों के लिए 8383962814 के WHATSAPP नंबर पर NAMASTE टाइप कर अपनी गोष्ठी आयोजित कर सकते हैंl
आप सभी इस आयोजन कि सम्पूर्ण वीडियो नीचे दी गयी लिंक के माध्यम से YOUTUBE पर भी देख सकते हैंl
https://youtu.be/FKRqRMwY-S4
Web Title: Competition On Digital Colonialism on Vayam Platform
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