"इस बार ऐसी दीवाली मनाएंगे
इस बार ऐसी दीवाली मनाएंगे ,
अपने देश को आत्मनिर्भर बनाएंगे ।
चीनी सामानों को अपने त्योहारों में ना घुसाएंगे ।
अपनी परंपरा ,अपने रिवाज खुद के तरीके से निभाएंगे ।
इस बार ऐसी दीवाली मनाएंगे ,
अपने देश को आत्म निर्भर बनाएंगे ॥
ड्रैगन के खतरे से खुद को बचाएंगे ,
अपने बाजार की रौनक फिर से लौटाएंगे ।
जो खतरा है हमारे देश के वास्ते ,
उस खतरे से देश को बचाएंगे ।
इस बार ऐसी दीवाली मनाएंगे ।
अपने देश को आत्मनिर्भर बनाएंगे ॥
दिए , फुलझड़ी , उपहार सभी स्वदेशी ही लाएंगे।
अपने भाइयों , अपने लोगों को आगे बढ़ाएंगे ।
इस बार ऐसे दिवाली मनाएंगे ।
अपने देश को आत्मनिर्भर बनाएंगे ॥
जब सभी खुशहाल होंगे ,सभी दिल से मुस्कुराएंगे ।
तभी श्री राम जी खुश होंगे और हम लक्ष्मी जी को घर लाएंगे ।
इस बार ऐसी दीवाली मनाएंगे ।
अपने देश को आत्मनिर्भर बनाएंगे ॥"
Web Title: Poem by Lipi garg , Vayam official blog content