आत्मनिर्भर दिवाली उत्सव- Poem by Priya Verma

 "(आत्मनिर्भर दिवाली उत्सव)


1.चलो फिर से स्वदेशी अपनाते हैं 

गांधी जी के आंदोलन को पुनर्जीवित करते हैं 

हर एक भारतीय करो योगदान 

चीनियों के इरादों को फिरंगी के भांति दफनाते हैं,


2.हो जाओ जागरूक अब तुम 

किसी का एकाधिकार होने ना देंगे हम 

भारत है भारतीयों का 

दूसरों को फायदा उठाने ना देंगे हम,


3.सच्चे देशभक्त हो जो देश के 

तो MADE IN CHAINA का परहेज करो 

दिवाली में जगमगाना ही है घरों को तो 

लक्ष्मी का दीपों से स्वागत करो,


4.BORDER पर है देश का जवान 

घर बार छोड़ सुरक्षा को तुम्हारी 

सीने पर खाता है गोलियां 

जिनमें योगदान रहता है तुम्हारा भी,


5.जिनका सामान खरीदते हैं हम 

वह है पाकिस्तान के दीवाने 

तुम्हारे पैसों से ही जाती है गोलियां उनके लिए 

जो खड़े हैं तुम्हारे लिए,


6.माना आसान नहीं है राह

तुरंत ही सफल हो जाना निश्चित नहीं 

बहिष्कार करना ही नहीं है केवल 

करना है खुद को उनके मुकाबले आत्मनिर्भर भी,"



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