"(आत्मनिर्भर दिवाली उत्सव)
1.चलो फिर से स्वदेशी अपनाते हैं
गांधी जी के आंदोलन को पुनर्जीवित करते हैं
हर एक भारतीय करो योगदान
चीनियों के इरादों को फिरंगी के भांति दफनाते हैं,
2.हो जाओ जागरूक अब तुम
किसी का एकाधिकार होने ना देंगे हम
भारत है भारतीयों का
दूसरों को फायदा उठाने ना देंगे हम,
3.सच्चे देशभक्त हो जो देश के
तो MADE IN CHAINA का परहेज करो
दिवाली में जगमगाना ही है घरों को तो
लक्ष्मी का दीपों से स्वागत करो,
4.BORDER पर है देश का जवान
घर बार छोड़ सुरक्षा को तुम्हारी
सीने पर खाता है गोलियां
जिनमें योगदान रहता है तुम्हारा भी,
5.जिनका सामान खरीदते हैं हम
वह है पाकिस्तान के दीवाने
तुम्हारे पैसों से ही जाती है गोलियां उनके लिए
जो खड़े हैं तुम्हारे लिए,
6.माना आसान नहीं है राह
तुरंत ही सफल हो जाना निश्चित नहीं
बहिष्कार करना ही नहीं है केवल
करना है खुद को उनके मुकाबले आत्मनिर्भर भी,"
Web Title: Poem by Priya Verma , Vayam official blog content