स्वदेशी-दीवाली- Poem by Niraj Kumar Gupta

 

"इस बार दीवाली नहीं हम ,  'स्वदेशी-दीवाली'  मनाऐंगे , चीनी-झालर को छोड़कर हम , मिट्टी  के दिये जलाऐंगे । 

घर-घर पहुँचाकर यह सन्देश, हम अपना फर्ज निभाऐंगे,

इस बार दीवाली नहीं हम ,  स्वदेशी-दीवाली   मनाऐंगे ।।


जो देश सदां अपने देश से ,  करता रहता है गद्दारी ,

हम उस देश के सामान की , नहीं  करेंगे खरीददारी ?

चीनी सामान का बहिष्कार कर, चीन को सबक सिखाऐंगे,

इस बार दीवाली नहीं हम ,  स्वदेशी-दीवाली  मनाऐंगे ।


स्वदेशी सामान खरीदकर ,  अपनों को खुशी बनाना है, 

क्यों भेजें अपना पैसा बाहर , भारत मजबूत बनाना है।

आत्मनिर्भर बनेंगे  'नीरज' , इस राह में  कदम  बढाऐंगे,

इस बार दीवाली नहीं हम ,  स्वदेशी- दीवाली   मनाऐंगे  ।।

                         -----------------"


Web Title:  Poem by Niraj Kumar Gupta , Vayam official blog content

vayam.app




Post a Comment

Previous Post Next Post