"इस बार दीवाली नहीं हम , 'स्वदेशी-दीवाली' मनाऐंगे , चीनी-झालर को छोड़कर हम , मिट्टी के दिये जलाऐंगे ।
घर-घर पहुँचाकर यह सन्देश, हम अपना फर्ज निभाऐंगे,
इस बार दीवाली नहीं हम , स्वदेशी-दीवाली मनाऐंगे ।।
जो देश सदां अपने देश से , करता रहता है गद्दारी ,
हम उस देश के सामान की , नहीं करेंगे खरीददारी ?
चीनी सामान का बहिष्कार कर, चीन को सबक सिखाऐंगे,
इस बार दीवाली नहीं हम , स्वदेशी-दीवाली मनाऐंगे ।
स्वदेशी सामान खरीदकर , अपनों को खुशी बनाना है,
क्यों भेजें अपना पैसा बाहर , भारत मजबूत बनाना है।
आत्मनिर्भर बनेंगे 'नीरज' , इस राह में कदम बढाऐंगे,
इस बार दीवाली नहीं हम , स्वदेशी- दीवाली मनाऐंगे ।।
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Web Title: Poem by Niraj Kumar Gupta , Vayam official blog content