" आज वही चीनी भाई दुश्मन बन बैठा है
हिंदी चीनी भाई भाई का नारा
जो नेहरु जी दिया करते थे
जो पीठ पीछे वार पर वार करता है
आज भी दुश्मन बन बैठा है
याद करो 1962 का वह दिन जिस दिन
चीनी भाई लोगों ने धोखा दिया था
जिसको प्रेम का प्याला समझा था वही आज जहर उगल रहा है
जिसको भाई मान बैठे थे वह तो षड्यंत्र रच रहा था
कभी सामने तो कभी पीठ पीछे वार पर वार करने को आतुर रहता है
आज वही चीनी भाई दुश्मन बन बैठा है
जो भारत कृषि प्रधान देश कहलाता है
नई-नई तकनीकों के माध्यम से धंधा यह चौपट करता है
नई पीढ़ी को आत्म निर्भर लक्ष्य से यह भटकाता है
चीनी बर्तन से लेकर टिक टॉक जैसी तकनीकों का प्रयोग करके आत्म निर्भर लक्ष्य को यह मिट्टी में मिलाता है
आज वही चीनी भाई दुश्मन बन बैठा है
हमारे पाक जैसे दुश्मन को अपना मान बैठा है
नई नई रणनीतियों से षड्यंत्र रचने मैं लगा हुआ है
भारतीयों को आत्मनिर्भर लक्ष्य से भटका कर
नई नई तकनीकों का प्रयोग करके भारतीयों को आकर्षित कर रहा है
अपना व्यापार बढ़ाकर भारतीयों को आत्मनिर्भर की भावना को मिट्टी में मिलाना चाहता है
आज वही चीनी भाई दुश्मन बन बैठा है "
Web Title: Poem by Yashasvi pareek , Vayam official blog content