हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा
मेरी हिंदी तेरे बारे में गर लिख दूं तो क्या लिख दूं
मुझे लिखना सिखाया तूने अब तुझपे मैं क्या लिख दूं
ज़माने भर की बोली और भाषा तुझसे निकली हैं
तुझे मैं अपनी माँ लिख दूं या दुनिया भर की माँ लिख दूं
तू सब की राष्ट्रभाषा है बड़ा सम्मान है तेरा
तेरी तारीफ में हिंदी बता अब और क्या लिख दूं
न जाने कितने कवियों ने संवारा है, तुझे लिखकर
मैं एक छोटा सा शायर हूं, इज़ाजत दे, खुदा लिख दूं
अलग ना मुल्क़, ना ही ख़ून, ना भाषा हमारी है
ए ज़ाहिल कैसे उर्दू को, मैं हिंदी से जुदा लिख दूं
-आशीष तिवारी
Web Title: Poem by Ashish Tiwari
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