छुपा हुआ संगीत है हिंदी
क्या पता है तुम्हें रक्त के लाल रंग से सिंचित है हिंदी,
क्रांति के दौर की अहम भाषा रही है हिंदी।
हिंदुस्तानी होने का प्रतीक है हिंदी,
उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम हर दिशा की गूंज लिए है हिंदी।
अंग्रेज़ी के इस दिखावटी दौर में पेट भरती भी नही और भूखा मारती भी नही हिंदी।
कभी अटल तो कभी मोदी का भाषण है हिंदी,
बाज़ार में जो बिकता है उसका अहम जरिया है हिंदी।
सा रे गा मा पा में छुपा हुआ संगीत है हिंदी।
तुतली जबानों से पहला शब्द है हिंदी,
सच कहूं तो कल के भारत का भविष्य है हिंदी।
हिमांशु जोशी
Web Title: Poem by Himanshu Joshi
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