"देश की बाल पुकार
तुम हो भविष्य देश का, ये देश तुम्हारा है
तुम प्रेम करो देश से, कर्तव्य तुम्हारा है।
क्या चीन क्या जापान, अपना देश निराला है
आगे बढ़ो दौड़ो भागो, आशीष हमारा है।।
तकनीक में परम्परा का ध्यान तुम रखना
ये संस्कृति है कृष्ण की, बेजोड़ इसे रखना ।
कलयुग के इस काल मे, सतयुग बनाना है
ये भूमि है श्रीराम की, राम राज लाना है।।
ना फेसबुक ना व्हाट्सप्प गीता का गान गाना है
रामायण का संदेश तुम्हे हर देश पहुंचाना है।
बनना है बापू, नेहरू, या अब्दुल कलाम
सेवा करो जन जन की, ये देश करे सलाम।।
शिक्षित बनो, सुसंस्कृत बनो, और बनो कृपावान
प्रेम, अहिंसा की फसल उगा ऐसे बनो किसान।
तक्षशिला के गौरव को तुम्हें फिर से लाना है
चुनोती है अस्तित्व की, अवसर बनाना है।।"
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