जिस देश में हम रहते हैं poem by Rohit Singh

 

जिस देश में हम रहते हैं
वह है हिंदुस्तान....हमारा
जान हथेली पर हम रख देंगे
यह मिट्टी है हमें जान से भी...प्यारा

कितने बलिदानों को लेकर
हुआ है ये देश आज़ाद...हमारा
कितने शहीद-शहीद हुए
बहती रही बस आंखों से...धारा

तीन रंगो का धनक इसमें
ये झंडा ऊंचा सदा रहे....हमारा
गूंजता है वतन के हर कोने में
वंदे मातरम का ये....ललकारा

आज़ाद है यहां हर.... भारतवासी
ऐसा अपना व्यक्तित्व...हमारा
इसकी अजमत से रोशन हुआ
देखो आज ये जग....सारा

कितने सारे धर्म यहां पर
कितना अच्छा संस्कृति....हमारा
तरह-तरह की बोली भाषा
तरह-तरह का त्यौहार....हमारा

लोकतंत्र का है ताज सर पर
विश्व में प्रथम स्थान....हमारा
पहुंच गए हम चंद्रमा पर
जग में हो रहा जय जय....कारा

यहां गंगा यहां जमुना यहां है
हिमालय का..... सहारा
गुलशन है धरती यहां की
लगता जन्नत से भी....प्यारा

हिंदू मुस्लिम सिख....इसाई
इस वतन में है जनता सारा
आओ मिल कर दे हम
जशने ए आज़ादी को सलाम....हमारा

जिस देश में हम रहते हैं वह हिंदुस्तान....हमारा


" जय हिंद जय भारत। " " वंदे मातरम वंदे मातरम "



Web Title: Rohit Singh 


आत्मनिर्भर दिवाली की दो प्रतियोगिताओं (कविता-प्रतियोगिता एवं लेखन-प्रतियोगिता) में भाग लें. 2,100/- का प्रथम पुरस्कार... अपनी रचनायें जल्दी भेजें ... 

vayam.app




Post a Comment

Previous Post Next Post